महाराष्ट्र में विपक्षी गठबंधन महा विकास अघाड़ी (MVA) में नेता प्रतिपक्ष के पद की लड़ाई तेज हो गई है. उद्धव ठाकरे गुट अपना दावा पेश करने के लिए कमर कस रहा है. ठाकरे गुट द्वारा विपक्ष के नेता की नियुक्ति से जुड़े नियमों को लेकर पूछे गए सवाल पर 9 दिसंबर 2024 को राज्य विधानमंडल से मिले एक पत्र के आधार पर गुट अपनी अगली रणनीति बनाने में जुट गया है.
विधानमंडल सचिवालय से मिले जवाब के अनुसार, विधानसभा में विपक्ष के नेता के चयन को नियंत्रित करने वाले कोई लिखित नियम नहीं हैं. इसके बजाय, संसदीय परंपराओं के अनुसार विस्तृत चर्चा के बाद निर्णय अध्यक्ष के हाथ में होता है.
MVA में शिवसेना यूबीटी के विधायक सबसे ज्यादा
दरअसल ठाकरे गुट ने 25 नवंबर, 2024 को विधानमंडल सचिवालय को पत्र लिखकर विपक्ष के नेता के चयन की प्रक्रिया पर रूलबुक की मांग की थी. नेता प्रतिपक्ष के पद पर अपने दावे को लेकर उनके दो तर्क हैं. सूत्रों के मुताबिक, शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) का मानना है कि सदन में 10 प्रतिशत सदस्यों को जुटाने में कोई दिक्कत नहीं होगी. दूसरा, एमवीए में सबसे अधिक विधायक उद्धव ठाकरे की शिवसेना के ही हैं जिनकी संख्या 20 है, जिससे ठाकरे गुट को विपक्ष के नेता के पद पर स्वाभाविक दावा मिलता है.
महाराष्ट्र विधानसभा के नियमों के अनुसार, किसी भी दल को आधिकारिक रूप से विपक्ष का दर्जा पाने के लिए कुल सदस्यों की संख्या का कम से कम 10 प्रतिशत होना अनिवार्य है. महाराष्ट्र विधानसभा में कुल 288 सीटें हैं, यानी विपक्षी दल के पास कम से कम 29 विधायक होने चाहिए.
क्या कांग्रेस देगी साथ?
अब सवाल यह है कि ठाकरे गुट नेता प्रतिपक्ष पद के लिए किसे नॉमिनेट करेगा. पार्टी की ओर से आदित्य ठाकरे सबसे पसंदीदा और सबसे बड़ा नाम हैं. लेकिन सूत्रों के अनुसार वरिष्ठ नेता भास्कर जाधव भी इस पद के लिए दावेदार हैं. हालांकि, यह देखना भी अहम होगा कि क्या कांग्रेस विपक्षी नेता पद के लिए सहयोगी शिवसेना (यूबीटी) के कदम का समर्थन करेगी.
संजय राउत ने बोले- दावा करेगी पार्टी
हाल ही में एक पार्टी मीटिंग के बाद शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने कहा था कि उनकी पार्टी महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता के पद पर दावा करेगी. उन्होंने तर्क दिया कि पहले ये पद विपक्षी दलों को दिया गया था, जबकि उस समय उन्होंने 10 प्रतिशत सीटें भी नहीं जीती थीं. उन्होंने कहा कि 288 सदस्यीय राज्य विधानसभा में विपक्षी दलों की संयुक्त ताकत लगभग 50 है.
संजय राउत ने दावा किया कि शिवसेना (यूबीटी) विधानसभा में विपक्ष के नेता के पद पर दावा करेगी. भले ही विधायकों की संख्या कम हो, लेकिन संविधान में ऐसा कोई कानून या प्रावधान नहीं है जो कहता हो कि सदन को विपक्ष के नेता के बिना काम करना चाहिए. शिवसेना (यूबीटी) के पास 20 विधायकों की ताकत है.