मराठा आरक्षण की मांग कर रहे मनोज जरांगे पाटील पर पुलिस ने एक और FIR दर्ज की है. पुलिस के मुताबिक कथित भड़काऊ भाषण के सिलसिले में शनिवार को बीड जिले में मराठा कोटा कार्यकर्ता मनोज जारांगे और 15 अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. पुलिस ने ये केस तंदलवाड़ी घाट में दिए गए भाषण के चलते नेकनूर पुलिस स्टेशन में दर्ज किया है. यह पिछले 15 दिनों में बीड में जरांगे के खिलाफ 9वीं एफआईआर है.
पीटीआई के मुताबिक पुलिस अधिकारी ने बताया कि मनोज जरागें के खिलाफ अब तक बीड जिले के शिरूर कसार, अमलनेर, पेठ, पिंपलनेर, अंबाजोगाई शहर, चकलामाबा, गेवराई, माजलगांव ग्रामीण और नेकनूर पुलिस स्टेशनों में कुल 9 केस दर्ज हो चुके हैं.
कौन हैं मनोज जरांगे?
मनोज जरांगे पाटिल मूल रूप से महाराष्ट्र के बीड जिले के मातोरी गांव के रहने वाले हैं. फिलहाल वे अपने परिवार के साथ जालना में रहते हैं. साल 2010 में जारांगे 12वीं क्लास में थे, इस दौरान उन्होंने पढ़ाई छोड़ी थी. फिर वे आंदोलन से जुड़ गए. उन्होंने अपनी आजीविका चलाने के लिए होटल में काम किया.
साल 2016 से 2018 तक भी उन्होंने जालना में आरक्षण आंदोलन का नेतृत्व किया. फिर आरक्षण से जुड़े मुद्दे उठाने के लिए जारांगे ने ‘शिवबा’ नामक संगठन बनाया. 2014 में मनोज जरांगे छत्रपति संभाजीनगर में डिविजनल कमिश्नरेट के खिलाफ अपने मार्च से सभी का ध्यान खींचा था. 2015 से 2023 के बीच उन्होंने 30 से ज्यादा आंदोलन किए हैं. 2021 में उन्होंने जालना जिले के साष्टा पिंपलगांव में 90 दिनों की हड़ताल की थी.