महाराष्ट्र में एक तरफ कोरोना का संकट गहराया हुआ है तो दूसरी तरफ एक के बाद एक अस्पताल में ह्रदय विदारक घटनाएं हो रही है. मरीज ICU में तड़प-तड़पकर मर रहे हैं. महाराष्ट्र के विरार में स्थित विजय बल्लभ अस्पताल में शुक्रवार को सुबह तीन बजे 14 मरीजों की मौत हो गई है, जो न तो बेड की कमी से और न ही ऑक्सीजन के किल्लत से हुई बल्कि ICU में आग लग जाने के चलते हुई है. पिछले चार महीने में महाराष्ट्र के यह चौथा अस्पताल को हादसा का शिकार हुआ है. इस तरह से इन चारों अस्पतालों में हुए हादसे के चलते 59 लोग की मौत हुई है.
विरार अस्पताल में आग लगने से 14 की मौत
मुंबई से सटे विरार इलाके में विजय वल्लभ कोविड अस्पताल में आग लगने से 14 लोगों की मौत हुई है. हॉस्पिटल में 17 कोरोना मरीज ICU में थे, जिसमें से 14 की मौत हुई है. हालांकि पूरे अस्पताल में कुल 90 मरीजे थे और फिलहाल तीन आईसीयू मरीजों को दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया गया है. माना जा रहा है कि एसी में शॉर्ट-सर्किट के चलते सुबह तीन बजे आग लगी. मरने वाले सभी मरीज कोरोना पीड़ित थे, जिनका इलाज चल रहा था और उन्हें ICU में भर्ती किया गया था, लेकिन हादसे ने उन्हें परिवार से छीन लिया.
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने अस्पताल में लगी आग में मरने वाले मरीजों के वारिसों के लिए 5 लाख रुपये और गंभीर रूप से घायल मरीजों के लिए 1 लाख रुपये मुआवजे देने की घोषणा की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विरार के कोविड-19 अस्पताल में आग लगने की घटना पर दुख जताया और कहा कि मेरी संवेदनाएं पीड़ित परिवारों के साथ हैं. इस घटना में मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रूपये और घायलों को 50 हजार रूपये की आर्थिक मदद प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से देने की घोषणा की गई है.
नासिक में ऑक्सीजन टैंक में लीकेज से 24 की मौत
ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहे महाराष्ट्र में बुधवार को भयावह हादसा का शिकार होना पड़ा. नासिक महानगरपालिका द्वारा संचालित डा. जाकिर हुसैन अस्पताल के ऑक्सीजन टैंक से दोपहर बाद आक्सीजन लीक हो गई. इसे रोकने के लिए मरीजों को आक्सीजन की आपूर्ति कुछ समय के लिए रोक दी गई. इसके कारण वेंटीलेटर के सहारे चल रहे 24 कोरोना मरीजों की मृत्यु हो गई थी.
महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने माना है कि अस्पताल में लोगों की मौत ऑक्सीजन की आपूर्ति बाधित होने के कारण हुई. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की ओर से जारी बयान में मृतकों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की गई है और साथ ही दुर्घटना की उच्चस्तरीय जांच कराने की बात भी कही गई है. इस घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी सहित तमाम लोगों ने दुख प्रकट कर पीड़ितों के परिवार के प्रति संवेदना प्रकट किया.
सनराइज कोविड अस्पताल में आग लगने से 11 मौत
कोरोना मरीजों के लिए महाराष्ट्र सरकार ने मुंबई के भांडुप उपनगर स्थित ड्रीम्स माल के सनराइज कोविड अस्पताल बनाया था. पिछले महीने 26 मार्च को ड्रीम्स माल के चौथी मंजिल पर चल रहे कोविड अस्पताल में आग लग गई थी, जिसमें 11 मरीजों को अपनी जान गवांनी पड़ी थी. मरने वाले सारे मरीज वेंटिलेटर पर थे, जिसके वजह से बाहर नहीं निकल सके थे. इस सनराइज अस्पताल में कोरोना पीड़ितों के अलावा दूसरी बिमारियों के मरीज भी भर्ती थे. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने घटनास्थल का दौरा किया था और मामले में दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई का भरोसा दिलाया था
भंडारा जिला अस्पताल में 10 बच्चों की मौत
महाराष्ट्र के भंडारा जिले के डिस्ट्रिक्ट जनरल अस्पताल की स्पेशल न्यू बार्न केयर यूनिट में इसी साल 9 जनवरी को रात 1.30 बजे आग लग जाने से 10 नवजात शिशु मर गए थे. इस अस्पताल में शॉर्ट-सर्किट के चलते आग लगी थी. अस्पताल में बर्न केयर विभाग में 17 बच्चे एडमिट थे. इसमें 7 बच्चों को बचा लिया गया था जबकि 10 बच्चों की मौत हो गई थे. आईसीयू वार्ड, डायलिसिस और लेबर वार्ड से रोगियों को सुरक्षित कर लिया गया था.
महाराष्ट्र में अस्पातलों में आग की घटना कोई नई बात नहीं है. बीते साल सितंबर में राज्य के पश्चिमी क्षेत्र कोल्हापुर स्थित एक शासकीय अस्पताल में आग लग गई थी. छत्रपति प्रमिला राजे शासकीय अस्पताल में हुई इस आगजनी के पीछे का कारण भी शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा था. गौरतलब है कि जिस वक्त अस्पताल में यह घटना हुई थी, उस समय यहां 400 से ज्यादा कोविड-19 मरीजों का इलाज चल रहा था.