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'सिर्फ कानून बनाने से नहीं रुकेंगे अपराध, बल्कि...', पुणे बस रेप केस पर बोले पूर्व CJI चंद्रचूड़

पूर्व सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि महिलाओं के लिए बनाए गए कानूनों का सही क्रियान्वयन बेहद जरूरी है, ताकि इस तरह की घटनाओं पर रोक लग सके. निर्भया कांड के बाद कानूनों में कई बदलाव किए गए, लेकिन सिर्फ कानून बना देना ही काफी नहीं है.

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पूर्व CJI डीवाई चंद्रचूड़ (फाइल फोटो)
पूर्व CJI डीवाई चंद्रचूड़ (फाइल फोटो)

पुणे बस रेप मामले पर देश के पूर्व मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ ने प्रतिक्रिया देते हुए 2012 के निर्भया कांड को याद किया. उन्होंने कहा कि महिलाओं के खिलाफ अपराधों को सिर्फ कानून बनाकर नहीं रोका जा सकता, बल्कि उन कानूनों का सख्ती से पालन करवाना भी उतना ही जरूरी है.

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डीवाई चंद्रचूड़ पुणे में एक कार्यक्रम के दौरान मीडिया से बातचीत कर रहे थे. इसी दौरान उनसे पुणे के स्वारगेट इलाके में महाराष्ट्र स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (MSRTC) की बस में रेप के मामले पर सवाल पूछा गया था.

बता दें कि मंगलवार तड़के एक 26 वर्षीय महिला के साथ बस में रेप का मामला सामने आया था. इस मामले में आरोपी हिस्ट्रीशीटर दत्तात्रेय रामदास (37)  ने वारदात को अंजाम दिया था. आरोपी की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने 13 टीमें बनाई हैं, जो उसकी तलाश में जुटी हैं.

पूर्व सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि महिलाओं के लिए बनाए गए कानूनों का सही क्रियान्वयन बेहद जरूरी है, ताकि इस तरह की घटनाओं पर रोक लग सके. निर्भया कांड के बाद कानूनों में कई बदलाव किए गए, लेकिन सिर्फ कानून बना देना ही काफी नहीं है. उन्होंने 2012 के निर्भया कांड का जिक्र करते हुए कहा कि दिल्ली में 23 साल की फिजियोथेरेपी छात्रा के साथ चलती बस में बर्बर गैंगरेप हुआ था. बाद में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी. इस घटना ने देश-विदेश में सुर्खियां बटोरी थीं और महिलाओं की सुरक्षा को लेकर बड़ा विमर्श खड़ा हुआ था. 

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चंद्रचूड़ ने कहा कि सिर्फ कानूनों के होने से कुछ नहीं होगा, समाज की भी बड़ी जिम्मेदारी है. महिलाओं की सुरक्षा के लिए बनाए गए कानूनों का सही और सख्त क्रियान्वयन होना चाहिए, ताकि महिलाएं खुद को सुरक्षित महसूस करें. आज बड़ी संख्या में महिलाएं नौकरी, पढ़ाई और अन्य कामों के लिए घर से बाहर निकलती हैं. उनके लिए सुरक्षित माहौल बनाना हमारी जिम्मेदारी है.

पूर्व CJI ने यह भी कहा कि मामलों की सही जांच, सख्त कार्रवाई, त्वरित सुनवाई और कड़ी सजा सुनिश्चित की जानी चाहिए. कानून व्यवस्था और पुलिस की इस मामले में बड़ी भूमिका है. उन्होंने कहा कि हमें हर स्तर पर इस पर गंभीरता से सोचने की जरूरत है, ताकि महिलाएं सुरक्षित माहौल में काम कर सकें. यही एक समानता आधारित समाज की बुनियाद है.
 

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