महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख की भ्रष्टाचार के मामले में मुश्किलें बढ़ती जा रही है. देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार और अवैध वसूली सहित कई गंभीर आरोपों की CBI जांच में प्रारंभिक रिपोर्ट लीक होने के मामले में दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने जांच के आदेश दिए हैं.
देशमुख के खिलाफ जांच का आदेश देते हुए कोर्ट ने कहा कि लगता है एजेंसी ने मुख्य साजिशकर्ता को ही छोड़ दिया है.
राउज एवेन्यू कोर्ट ने साफ कहा कि सभी सबूतों के बावजूद इस मामले के मास्टरमाइंड की भूमिका को दरकिनार करते हुए जांच एजेंसी ने चार्जशीट दाखिल कर दी.
कोर्ट के आदेश के बाद अब CBI इस मामले में अनिल देशमुख की संलिप्तता जांच कर अपनी स्टेटस रिपोर्ट 4 हफ्ते में दाखिल करेगी. इस पूरे प्रकरण में जहा पेपर लीक मामले के आरोपियों की सुनवाई 10 जनवरी को होगी वहीं अनिल देशमुख के खिलाफ इस मामले में जांच रिपोर्ट पर सुनवाई 22 जनवरी को होगी.
दरअसल इस मामले में अभिषेक तिवारी, दिलीप डागा और एक अन्य को कथित तौर पर CBI की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट लीक होने के बाद गिरफ्तार किया गया था.
इस रिपोर्ट में कहा गया था की बॉम्बे हाईकोर्ट में मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों पर देशमुख के खिलाफ कोई संज्ञेय अपराध नहीं बनता है.
ये भी पढ़ें: