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मुंबई में दम घुटने से 4 श्रमिकों की मौत, अंडरग्राउंड वाटर टैंक की सफाई के दौरान हुआ हादसा

बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) के अनुसार, यह घटना आज दोपहर करीब 12:29 बजे हुई जब कुछ कर्मचारी नागपाड़ा स्थित बिस्मिल्लाह स्पेस बिल्डिंग में एक पानी की टंकी की सफाई कर रहे थे.

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मुंबई में पानी की टंकी साफ करते समय 4 मजदूरों की दम घुटने से मौत. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
मुंबई में पानी की टंकी साफ करते समय 4 मजदूरों की दम घुटने से मौत. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

मुंबई के नागपाड़ा में रविवार को मिंट रोड पर गुड लक मोटर ट्रेनिंग स्कूल के पास एक निर्माणाधीन इमारत के पानी के टैंक की सफाई के दौरान दम घुटने से 4 श्रमिकों की मौत हो गई. बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) के अनुसार, यह घटना आज दोपहर करीब 12:29 बजे हुई जब कुछ कर्मचारी नागपाड़ा स्थित बिस्मिल्लाह स्पेस बिल्डिंग में एक पानी की टंकी की सफाई कर रहे थे. 

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नगर निगम अधिकारियों ने बताया कि जैसे ही घटना की सूचना मिली, वे तुरंत मौके पर पहुंचे और श्रमिकों को पानी की टंकी से बाहर निकाला. एक बीएमसी अधिकारी ने बताया, 'यह घटना बिस्मिल्लाह स्पेस बिल्डिंग में हुई जो नागपाड़ा इलाके में डिमटीमकर रोड पर गुड लक मोटर ट्रेनिंग स्कूल के पास स्थित है.' मुंबई फायर ब्रिगेड (MFB) द्वारा श्रमिकों को इलाज के लिए जेजे अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उनमें से 4 को मृत घोषित कर दिया. 

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मुंबई पुलिस ने घटना की जानकारी देते हुए कहा, 'आज सुबह करीब 11-11.30 बजे, 4 मजदूर दम घुटने के कारण मृत पाए गए, जब वे जेजे मार्ग पुलिस थाने के अंतर्गत मस्तान तालाब के पास, डिमटीमकर रोड पर, बिस्मिल्लाह स्पेस नामक एक निर्माणाधीन इमारत में किसी काम के लिए भूमिगत पानी की टंकी में घुसे थे. 5वां व्यक्ति ठीक है, उसे जेजे अस्पताल में भर्ती कराया गया है. आगे की जांच की जा रही है.'

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सेप्टिक टैंकों की सफाई के लिए क्या हैं नियम?

पिछले साल अप्रैल में मुंबई और उसके आसपास के इलाकों में सीवर में उतरने से पांच सफाई कर्मचारियों की मौत के बाद महाराष्ट्र सरकार ने सेप्टिक टैंकों और सीवर लाइनों की मैन्युअल सफाई के लिए नगर निकायों और जिला कलेक्टरों को नए दिशानिर्देश जारी किए थे. महाराष्ट्र के शहरी विकास विभाग ने दिशानिर्देश में कहा था कि ऐसी सीमित जगहों की सफाई के लिए मशीनों का इस्तेमाल किया जाए. सफाई कर्मचारियों को केवल तभी सेप्टिक टैंकों और सीवर लाइनों में उतारा जाए, जब बहुत जरूरी हो.

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नए दिशा-निर्देशों में कहा गया था कि सफाई कराने वाली संस्था या व्यक्ति को यह सुनिश्चित करना होगा कि किसी कर्मचारी के प्रवेश करने से पहले सीमित स्थान की गहराई मापी जाए. यह भी सुनिश्चित करने के लिए स्थान की जांच हो कि वहां जहरीली या ज्वलनशील गैस न बन रही हो, जो आमतौर पर कार्बनिक पदार्थों के डिकम्पोज होने से उत्पन्न होती है. राज्य सरकार ने यह भी कहा था कि सफाई कर्मचारियों के लिए पर्याप्त ऑक्सीजन आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए मैकेनिकल वेंटिलेशन की व्यवस्था की जाए. हालांकि, ये दिशानिर्देश सिर्फ हवा हवाई ही साबित हो रहे हैं, क्योंकि इस तरह की घटनाएं अब जारी है.

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