महाराष्ट्र की बीड लोकसभा सीट से बीजेपी नेता पंकजा मुंडे की हार के बाद मराठवाड़ा में चार लोगों ने आत्महत्या कर ली. बीजेपी नेता की हार से आहत होकर आत्महत्या करने वालों में 22 साल का छात्र भी शामिल है जो नौकरी न मिलने से परेशान था. इस बारे में जानकारी मिलने के बाद पंकजा खुद मंगलवार को आत्महत्या करने वाले युवक के घर पहुंचीं और उनके परिजनों से मुलाकात की. उन्होंने लोगों के ऐसे कदम न उठाने के अपील की और कहा कि अगर कोई और ऐसा (आत्महत्या) करेगा तो वह राजनीति को छोड़ देंगी. इससे पहले उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर लोगों से आत्महत्या न करने की अपील की थी.
चार समर्थकों ने की आत्महत्या
4 जून को चुनाव नतीजों में बीजेपी नेता पंकजा मुंडे महाविकास अघाड़ी के प्रत्याशी बजरंग सोनवणे से महज 6000 से अधिक वोटों से हार गईं थीं. पंकजा की हार से आहत उनके चार समर्थकों ने आत्महत्या कर ली. आत्महत्या करने वाले युवक का नाम गणेश उर्फ हरिभाऊ भाऊसाहेब है. गणेश से पहले लातूर के रहने वाले 30 वर्षीय सचिन कोंडीबा मुंडे, पांडुरंग रामभाऊ सोनवणे, पोपट वैभसे ने आत्महत्या कर ली थी.
मृतक पांडुरंग सोनावणे के भाई ने कहा, "हार के बाद पांडुरंग बहुत अजीब व्यवहार कर रहे थे. वह कहते रहे कि उनके शरीर में दर्द हो रहा है और वह ठीक महसूस नहीं कर रहे हैं. हमने उन्हें अस्पताल में भी भर्ती कराया. डॉक्टरों को पता नहीं चल पाया कि उनके साथ क्या हो रहा है. वह बार-बार बोल रहे थे कि पार्टी की मीटिंग है और पंकजा ताई उससे मिलने आ रही हैं. 9 जून को जब वह सुबह खेत पर गए तो पेड़ से लटककर आत्महत्या कर ली.
उनके पास के एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ. सुसाइड नोट पांडुरंग ने लिखा, मैं पांडुरंग सोनावणे, मेरी पंकजा ताई साहब चुनाव हार गई. मैं इसे बर्दाश्त नहीं कर सकता और इसलिए आत्महत्या कर रहा हूं.
मैं खुद इस घटना से परेशान हूं
बीजेपी नेता पंकजा मुंडे ने युवक के परिजनों से मिलने के बाद कहा कि मेरा मानना है. किसी को भी किसी नेता से इतना प्यार नहीं करना चाहिए कि वो उसके लिए अपनी जान दे दे. अगर आपको साहस से लड़ने वाला नेता चाहिए तो मुझे भी साहस से लड़ने वाला कार्यकर्ता चाहिए. अब अगर किसी ने भी आत्महत्या की तो मैं राजनीति छोड़ दूंगी, क्योंकि मुझे लगता है कि राजनीति के कारण ऐसा हो रहा है. मैं हारी हुई नहीं हूं, लेकिन इस तरह की चीजें मुझे झकझोर देती हैं. मैं खुद इस घटना से बहुत परेशान हूं.
फूट-फूट कर रोई पंकजा मुंडे
पंकजा मुंडे सोमवार को आत्महत्या करने वाले समर्थक के घर पहुंचीं, जहां उन्होंने समर्थक के परिजनों से मुलाकात की. परिजनों से मिलने के बाद वह (पंकजा) फूट-फूट कर रोने लगी. उनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर भी तेजी से वायरल हो रहा है.
22 साल के रामेश्वर ने की आत्महत्या
वहीं, आजतक की टीम जैसे ही बीड शहर पहुंची तो पता चला कि यहां मराठा समुदाय के एक युवक ने आत्महत्या कर ली है. हमारी टीम जब जिला सिविल अस्पताल पहुंची तो पता चला कि जरुद तालुका में रहने वाले 22 वर्षीय रामेश्वर काकड़े ने आत्महत्या कर ली है. काकड़े पिछले साल मैकेनिकल इंजीनियरिंग पूरी की थी. मराठा आरक्षण को लेकर वह (काकड़े) डिप्रेशन में थे. वह अपने परिवार के भरण-पोषण के लिए नौकरी खोज रहे थे, लेकिन उनके पास जाति प्रमाण पत्र न होने के कारण नौकरी नहीं मिल रही थी. जबकि ओबीसी वर्ग से आने वाले उनके कई दोस्तों को नौकरी मिल चुकी थी.
ग्रामीणों में से एक राजू काकड़े ने कहा, 'रामेश्वर बहुत प्रतिभाशाली लड़का था. वह महत्वाकांक्षी था, लेकिन उसने देखा कि कैसे ओबीसी छात्रों को नौकरियां मिलती हैं. हमारे गांव के एक भी व्यक्ति को कुनबी प्रमाणपत्र मिल गया है. वह बहुत दबाव में था और उसने गुरुवार 13 जून को गांव में एक पेड़ से लटक कर आत्महत्या कर ली.'
जरुद 2500 से अधिक लोगों की आबादी वाला एक छोटा सा गांव है. यहां 90 फीसदी मराठा समुदाय से हैं. हालांकि, इनमें से किसी को भी कुनबी प्रमाणपत्र नहीं मिला है. काकड़े आरक्षण को लेकर काफी चिंतित थे. वहीं, चुनाव के बाद बीड जिले में मराठों और ओबीसी के बीच सामाजिक विभाजन हो गया है.
'मैं तुम्हें कसम देती हूं...'
इन सब घटनाओं को लेकर कुछ दिन पहले भी पंकजा मुंडे ने अपने कार्यकर्ताओं से आत्महत्या करने जैसे कदम न उठाने की अपील की थी. उन्होंने लोगों से अनुरोध किया कि मैं तुम्हें कसम देती हूं. आप अपना जीवन बर्बाद मत करो. इसके बाद उन्होंने अपने समर्थकों के परिजनों से मुलाकात भी की.
मामले में दर्ज की 36 FIR
आजतक से बात करते हुए बीड जिले के एसपी नंदकुमार ठाकुर ने कहा, 'चुनाव खत्म होने के बाद सोशल मीडिया पर ऐसे पोस्ट किए गए जो आपत्तिजनक थे. हमने मामले में 36 एफआईआर दर्ज की हैं और सभी को गिरफ्तार किया है. हम छोटे-छोटे गांवों का भी दौरा कर रहे हैं और कार्रवाई कर रहे हैं लोग सोशल मीडिया पोस्ट डाल रहे हैं. बीड जिले की अपनी समस्या है. ज्यादातर लोग गन्ने के खेतों में काम करने वाले मजदूर हैं. पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पोस्ट के कारण यह समस्या शुरू हो गई है.
ऐसी सोशल मीडिया पोस्ट न डालें और अगर आपको ऐसी कोई पोस्ट मिले तो प्रतिक्रिया न करें और पुलिस को सूचित करें. हमने संवेदनशील स्थानों की भी पहचान की है. पंकजा मुंडे के समर्थकों ने भी आत्महत्या की है अपील की कि लोगों को ऐसी बातें नहीं करनी चाहिए.