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टिक टॉक स्टार पूजा की मौत में घिरे संजय राठौड़ ने क्यों दिया इस्तीफा, जानें 4 कारण

टिक टॉक स्टार पूजा चव्हाण मौत मामले में विवादों में आने के बाद महाराष्ट्र के वन मंत्री संजय राठौड़ ने रविवार को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को अपना इस्तीफा सौंप दिया. संजय राठौड़ ने यह इस्तीफा तब दिया है जब महाराष्ट्र विधानसभा में आज से बजट सत्र शुरू होने वाला है.

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महाराष्ट्र के वन मंत्री संजय राठौड़ दे चुके हैं इस्तीफा
महाराष्ट्र के वन मंत्री संजय राठौड़ दे चुके हैं इस्तीफा
स्टोरी हाइलाइट्स
  • टिक-टॉक स्टार की मौत मामले में घिरे हैं संजय राठौड़
  • वन मंत्री के पद से संजय राठौड़ का इस्तीफा
  • विधानसभा में घेरने की तैयारी कर रही थी BJP

महाराष्ट्र के वन मंत्री संजय राठौड़ ने रविवार को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को अपना इस्तीफा सौंप दिया. संजय राठौड़ ने यह इस्तीफा तब दिया है जब महाराष्ट्र विधानसभा में सोमवार से बजट सत्र शुरू होने वाला है. संजय राठौड़ टिक टॉक स्टार पूजा चव्हाण मौत मामले में घिरे हैं.

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मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने रविवार को संजय राठौड़ के इस्तीफे के बारे में जानकारी दी. संजय राठौड़ बीड जिले की रहने वाली 23 वर्षीय पूजा चव्हाण की मौत मामले में आरोपों का सामना कर रहे हैं. संजय राठौड़ के उद्धव कैबिनेट से इस्तीफा देने की चार वजहें क्या हैं आइए जानते हैं.

1.पूजा चव्हाण सुसाइड केस

23 साल की टिक टॉक स्टार पूजा चव्हाण की 8 फरवरी को एक इमारत से गिरने के बाद मौत हो गई थी. पुणे पुलिस ने कहा था कि वह आत्महत्या के एंगल से मामले की जांच कर रही है. बीजेपी ने तस्वीरों, ऑडियो और वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल होने का बाद आरोप लगाए कि संजय राठौड़ का इस युवती के साथ संबंध था. संजय राठौड़ का इस युवती की मौत के मामले में संबंध होने का आरोप लगाते हुए बीजेपी ने उनके इस्तीफे की मांग की थी. 

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2. बढ़ते कोरोना मामलों के बीच शक्ति प्रदर्शन

8 फरवरी से नदारद संजय राठौड़ दो सप्ताह बाद 23 फरवरी को अचानक हजारों समर्थकों के साथ पोहरादेवी मंदिर में सामने नजर आए. बंजारा समुदाय से आने वाले संजय राठौड़ ने इस दौरान शक्ति प्रदर्शन किया. इस भीड़ को देखकर सीएम उद्धव ठाकरे ने नाराजगी जाहिर की जिन्होंने राज्य के लोगों से दूसरे लॉकडाउन से बचने की अपील की थी. अमरावती, यवतमाल वाशिम और अकोला क्षेत्र में कोरोना मामलों में वृद्धि देखी गई है और उस समय इस क्षेत्र में कड़े प्रतिबंध लागू थे. पार्टी पर दबाव बनाने के उद्देश्य से ताकत दिखा रहे संजय राठौड़ का ये काम सीएम ठाकरे को अच्छा नहीं लगा. सीएम ने राठौड़ को अपने सरकारी आवास पर तलब किया और भीड़ जुटाने को लेकर नाराजगी जाहिर की थी. इसके बाद संजय राठौड़ बैकफुट पर थे.

3.शिवसेना की आंतरिक गुटबाजी

इंडिया टुडे ने सबसे पहले राठौड़ के खिलाफ शिवसेना के भीतर बढ़ते असंतोष पर रिपोर्ट दी थी. सांसदों, विधायकों, एमएलसी, जिला प्रमुख सहित कई नेताओं के एक गुट ने संजय राठौड़ से इस्तीफा मांगने के लिए सीएम ठाकरे से अपील की थी क्योंकि इससे पार्टी और सीएम ठाकरे की छवि नकारात्मक रूप से प्रभावित हो रही थी. 2019 में ही इसी गुट ने ठाकरे से राठौड़ को मंत्रिमंडल में शामिल नहीं करने का अनुरोध किया था. इंडिया टुडे के पास 2019 का वह पत्र है. 

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4. बीजेपी के हंगामे की रणनीति की हवा निकली

महाराष्ट्र विधानसभा का महत्वपूर्ण बजट सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है. संजय राठौड़ के मुद्दे पर बीजेपी ने महा विकास अघाड़ी (MVA) सरकार को निशाना बनाने का प्लान बनाया है. बीजेपी ने पहले ही ऐलान कर दिया था कि वह तब तक सदन की कार्यवाही नहीं चलने देगी जब तक कि संजय राठौड़ का हटाया नहीं जाता है. विपक्ष के आक्रामक रुख ने सत्र के दौरान सत्तारूढ़ गठबंधन के लिए परेशानी खड़ी कर दी.  सोशल मीडिया में वायरल क्लिप ने विपक्ष को उद्धव ठाकरे के खिलाफ निशाना साधने के लिए पर्याप्त मुद्दा मुहैया करा दिया था. राठौड़ के इस्तीफे से महा विकास अघाड़ी सरकार को फिलहाल बीजेपी के आरोपों से राहत मिली है.


 

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