एफटीआईआई के छात्रों ने अपनी मांग पर सरकार की प्रतिक्रिया से निराशा जताते हुए संस्थान के अध्यक्ष के तौर पर टीवी अभिनेता और बीजेपी के सदस्य गजेंद्र चौहान की नियुक्ति को निरस्त करने की मांग पर अपनी हड़ताल जारी रखने का फैसला किया है. रविवार को हड़ताल का 24वां दिन था.
इस बीच भारतीय फिल्म और टेलीविजन संस्थान (एफटीआईआई) के छात्र संघ के प्रतिनिधियों और केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अरण जेटली की शुक्रवार को नई दिल्ली में हुई मुलाकात में हुई बातचीत पर विवाद शुरू हो गया है.
नहीं हो सका सरकार से समझौता
संस्थान के छात्र संघ ने कहा कि इस प्रमुख चिंता पर कोई समझौता नहीं हो सका. उन्होंने दावा किया कि जेटली ने चौहान की नियुक्ति को रद्द करने की मुख्य मांग पर उनके कायम रहने पर संस्थान को बंद करने या निजीकरण करने की संभावनाओं की बात की है.
कृष्णन रिपोर्ट की सिफारिशों का जिक्र
दिल्ली में सूचना और प्रसारण मंत्रालय के अधिकारियों ने इस दलील को पूरी तरह खारिज कर दिया कि बातचीत में निजीकरण को लेकर कोई बात हुई थी. उन्होंने कहा कि गीता कृष्णन रिपोर्ट की सिफारिशों का जिक्र हुआ था. इसमें कहा गया था कि एसआरएफटीआई और एफटीआईआई दोनों को फिल्म उद्योग को सुपुर्द कर दिया जाए.
एक विधायी रूपरेखा तैयार
अधिकारियों ने कहा कि इस बात का उल्लेख हुआ कि इस सिफारिश को लागू नहीं करके मंत्रालय इन संस्थानों को उत्कृष्टता केंद्र बनाने का समर्थन करने की दिशा में काम कर रहा है. इस संबंध में एक विधायी रूपरेखा भी तैयार किया गया है.
-इनपुट भाषा से