एफटीआईआई में पिछले 82 दिन से चल रही हड़ताल का कोई अंत नजर नहीं आने के बीच आंदोलनकारी छात्रों ने मंगलवार को सरकार को बातचीत दोबारा शुरू करने के लिए एक और पत्र लिखा है. हालांकि छात्र गजेन्द्र चौहान को संस्थान के अध्यक्ष पद से हटाने की अपनी मुख्य मांग पर डटे हुए हैं.
इस बीच सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने भारतीय फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान के जमीनी हालात का मुआयना करने के लिए जो तीन सदस्यीय समिति बनाई थी, उसने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. आधिकारिक तौर पर उसके विवरण के बारे में कुछ नहीं बताया गया है, लेकिन सूत्रों ने बताया कि समिति के अध्यक्ष भारतीय समाचार पंजीयक के महानिदेशक एसएम खान ने मंत्रालय के अधिकारियों को यह रिपोर्ट दी है.
आंदोलनरत छात्र इस बात को लेकर निराश हैं कि पिछले महीने समिति के सदस्यों के साथ हुई उनकी बातचीत से गतिरोध को तोड़ने का कोई रास्ता नहीं निकल सका. छात्र संघ के अध्यक्ष हरिशंकर नचिमुथु ने कहा, 'हमने एफटीटीआई निदेशक के सुझावों पर आज सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री राज्यवद्र्धन राठौड़ को एक नया पत्र भेजा है.'
कर्मचारियों के लिए अनशन
इस बीच सिनेमेटोग्राफी पाठयक्रम के दूसरे वर्ष के छात्र सतीश ने उन 82 अनुबंध कर्मचारियों की सेवा जारी रखने की मांग करते हुए आज अनशन किया, जिन्हें एफटीआईआई प्रशासन ने नोटिस पर रखा था और एक सितंबर को उन्हें बर्खास्त किया जाना था. शाम को सतीश ने संस्थान के निदेशक प्रशांत पथराबे से यह आश्वासन मिलने के बाद अपना अनशन समाप्त कर दिया कि हड़ताली छात्रों का अनशन समाप्त नहीं हुआ तो अनुबंध कर्मचारियों को एक अक्तूबर से हटा दिया जाएगा.
देर शाम जारी एक विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गई. छात्र संघ ने इससे पहले सेवा से बर्खास्त किए गए फिल्म प्रोडक्शन से जुड़े विभिन्न कार्यों से संबद्ध कर्मचारियों को भी बहाल करने की मांग की.
-इनपुट भाषा से