बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष नितिन गडकरी ने सोमवार को एमएनएस प्रमुख राज ठाकरे से मुलाकात की. इस मुलाकात को लेकर अब सियासत गर्म होती नजर आ रही है. सूत्रों की माने तो शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे इस मुलाकात से नाराज हो गए हैं. उद्धव ने इस मुलाकात के बाद महाराष्ट्र बीजेपी के अध्यक्ष देवेंद्र फड़नवीस को मातोश्री में बुलाया. उद्धव ने इस मामले पर बीजेपी से सफाई मांगी है.
ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि राज ठाकरे एनडीए में शामिल हो सकते हैं. हालांकि खुद गडकरी ने इस खबर का खंडन किया है. गडकरी ने राज ठाकरे से गुपचुप मुलाकात की तो सियासी चर्चा का दौर शुरू होना तो लाजमी है. अटकलें शुरू हुईं कि कहीं राज को एनडीए में लाने की कोशिशें तो नहीं चल रहीं. लेकिन, गडकरी ने खुद मिलने की वजह का खुलासा कर दिया.
नितिन गडकरी ने इस मुलाकात के बाद कहा, 'मैंने राज ठाकरे से मुलाकात की. मैं नेताओं से मिलता रहता हूं. हम वोटों का बंटवारा नहीं चाहते हैं. गठबंधन का कोई स्कोप नहीं है लेकिन हम ये तय करना चाहते हैं कि राज ठाकरे वोटों का बंटवारा न करें. इस मुलाकात को लेकर किसी को भी बुरा नहीं मानना चाहिए.'
बताया जाता है कि गडकरी का ये कदम उद्धव ठाकरे को रास नहीं आया. इस मुलाकात का पता चलते ही उन्होंने बीजेपी अध्यक्ष राजनाथ सिंह से बात की. इससे पहले भी गडकरी ने जब राज ठाकरे की तारीफ की थी तब भी उद्धव ने इस पर ऐतराज जताया था.
गौरतलब है कि एमएनएस को एनडीए में लाने की बीजेपी काफी कोशिशें कर चुकी है, लेकिन ठाकरे भाइयों की आपसी लड़ाई से ये कोशिशें कामयाब नहीं हो पाईं. सूत्रों की मानें तो एमएनएस कम से कम 4 सीटे मांग रही थी, लेकिन, शिवसेना उसके लिए एक भी सीट अपने कोटे से छोड़ने को तयार नहीं थी.
दो दिन पहले जब बीजेपी और शिवसेना के उम्मीदवारों की पहली सूची जारी हुई तो साफ हो गया कि एनडीए में एमएनएस को लाने की उम्मीदें खत्म हो चुकी हैं. बहरहाल, गडकरी की ताजा कोशिशों का राज पर कितना असर हुआ, इसका खुलासा अभी नहीं हो पाया है. राज ठाकरे ने अबतक हामी नहीं भरी है, उम्मीद है 9 मार्च को इस बारे में वो अपनी बात रखेंगे.