नासिक सेंट्रल जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे गैंगस्टर अबू सलेम ने बॉम्बे हाई कोर्ट का रुख किया है. उसने अदालत से अपील की है कि जेल प्रशासन को निर्देश दिया जाए कि वह उसके द्वारा जेल में बिताए गए पूरे समय को ध्यान में रखते हुए उसकी रिहाई की तारीख निर्धारित करे.
सलेम का दावा है कि 31 दिसंबर 2024 तक वह 24 साल, 9 महीने और 16 दिन की सजा पूरी कर चुका है. अबू सलेम की यह याचिका उसकी वकील फरहाना शाह के माध्यम से दायर की गई है. जस्टिस सारंग कोतवाल और जस्टिस एसएम मोडक की बेंच ने इस मामले की सुनवाई के लिए 10 मार्च की तारीख तय की है.
2005 में पुर्तगाल से भारत आया था सलेम
अबू सलेम को 11 नवंबर 2005 को पुर्तगाल से भारत प्रत्यर्पित किया गया था. इसके बाद 2015 और 2017 में दो मामलों में उसे उम्रकैद की सजा सुनाई गई, जिनमें 1993 मुंबई सीरियल बम ब्लास्ट का मामला भी शामिल था.
काटनी होगी अधिकतम 25 साल की सजा
हालांकि, भारत सरकार द्वारा पुर्तगाल को दिए गए प्रत्यर्पण संधि और संप्रभु आश्वासन को ध्यान में रखते हुए, सुप्रीम कोर्ट ने जुलाई 2022 में आदेश दिया कि अबू सलेम को अधिकतम 25 साल की सजा काटनी होगी. इससे पहले, अबू सलेम ने सेशन कोर्ट में याचिका दायर कर अपनी रिहाई की तारीख स्पष्ट करने की मांग की थी, जिसे खारिज कर दिया गया था.
सलेम की याचिका में कहा गया है कि विशेष सत्र अदालत ने इस तथ्य पर विचार नहीं किया कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय 25 साल की सजा पूरी होने वाली है. उसने तर्क दिया कि उसकी सजा की गणना में 'अंडरट्रायल (मुकदमे के दौरान जेल में बिताया गया समय), दोषसिद्धि के बाद की अवधि और अच्छे आचरण के कारण मिली रिहाई (रिमिशन) को जोड़ा जाना चाहिए'.
सलेम के मुताबिक उसके द्वारा जेल में बिताया गया समय
अबू सलेम के अनुसार उसके द्वारा जेल में बिताया गया समय है- नवंबर 2005 से सितंबर 2017 तक (मुकदमे के दौरान जेल में बिताया गया समय)- 11 साल, 9 महीने, 26 दिन, फरवरी 2015 से दिसंबर 2024 तक (सजा के दौरान जेल में बिताया गया समय)- 9 साल, 10 महीने, 4 दिन, अच्छे आचरण के लिए मिली छूट (रिमिशन)- 3 साल, 16 दिन, पुर्तगाल में जेल में बिताया गया समय- 1 महीना.
उसका कहना है कि उसके अच्छे आचरण के कारण उसे जेल प्रशासन द्वारा छूट मिली है और उसके खिलाफ कोई शिकायत नहीं है. इसलिए, उसे 25 साल से ज्यादा जेल में रखना भारत सरकार द्वारा पुर्तगाल को दिए गए आश्वासन का उल्लंघन होगा. अब इस मामले की सुनवाई बॉम्बे हाई कोर्ट में 10 मार्च को होगी.