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'क्या गुजरात चुनाव में जाना ऑफिशियल वर्क है,' स्पीकर और मंत्री से नाराज कोर्ट ने पूछा सवाल

महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर नार्वेकर और कैबिनेट मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा समेत अन्य पर गैरकानूनी रूप से एकत्रित होने और 2020 के लॉकडाउन के दौरान बढ़े हुए बिजली बिलों का विरोध करने और BEST के महाप्रबंधक को रोकने का आरोप है. इस मामले में पुलिस ने चार्जशीट दायर की थी. इस केस में आरोप तय होना बाकी हैं. लेकिन, बीजेपी नेताओं की अनुपस्थिति रहने पर कोर्ट ने नाराजगी जताई.

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स्पीकर राहुल नार्वेकर और मंगल प्रभात लोढ़ा. (फोटो- ट्विटर)
स्पीकर राहुल नार्वेकर और मंगल प्रभात लोढ़ा. (फोटो- ट्विटर)

मुंबई की एक विशेष अदालत ने महाराष्ट्र के विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर और कैबिनेट मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा समेत अन्य भाजपा नेताओं पर नाराजगी जताई है. कोर्ट ने सवाल किया है कि क्या गुजरात चुनाव में जाना ऑफिशियल वर्क है? दरअसल, एक केस में कोर्ट को सुनवाई के बाद आरोप तय करने हैं. लेकिन बीजेपी नेताओं के लगातार अनुपस्थित रहने के कारण कोर्ट की कार्यवाही पूरी नहीं हो पा रही है. शुक्रवार को जब फिर बीजेपी के नेता नहीं पहुंचे तो कोर्ट ने नाराजगी जताई. इस पर वकील ने कहा कि सभी लोग गुजरात चुनाव में गए हैं. कोर्ट ने कहा- क्या आप जानते हैं कि ये लोग कितने दिनों से अनुपस्थित हैं?

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बता दें कि शुक्रवार को मामले में नार्वेकर और लोढ़ा समेत 11 आरोपी कोर्ट में गैर हाजिर थे. मामले में कुल 20 आरोपी बनाए गए हैं. सभी आरोपियों की ओर से पेश अधिवक्ता मनोज गुप्ता ने कहा- गुजरात चुनाव के कारण वे नहीं आ पा रहे हैं. मैंने उन्हें बता दिया है कि मामले में आरोप तय किए जाने हैं.

विशेष जज आरएन रोकड़े ने कहा- रोजनामा में जो कुछ भी दर्ज किया जा रहा है, उसकी अनुपस्थिति के बारे में मैं भेजूंगा, आप देखिए.' गुप्ता ने फिर दोहराया कि उन्होंने सभी आरोपियों को उपस्थित होने की सूचना दी है और आश्वासन दिया है कि वे अगली सुनवाई के दौरान उपस्थित रहेंगे.

गुप्ता ने सभी 11 अभियुक्तों के लिए एक आम छूट आवेदन दायर किया, जिसमें कहा गया कि नार्वेकर और लोढ़ा और अन्य सभी अनुपस्थित अभियुक्त गुजरात में चुनाव प्रचार के लिए गए हैं. हालांकि जज रोकड़े ने कहा- 'क्या ये एक उचित कारण है कि वे गुजरात चुनाव में गए हैं? यह ऑफिशियल वर्क नहीं है. कृपया ठीक से उल्लेख करें कि वे किस ऑफिशियल वर्क पर गए हैं.

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गुप्ता ने जवाब दिया- मैं जानता हूं सर, लेकिन मुझे नहीं पता कि वे कौन-सा ऑफिशियल वर्क करते हैं. एक स्पीकर के रूप में हैं और दूसरे मंत्री हैं. मैंने लिखा है कि वे अगली तारीख पर जरूर आएंगे. फिलहाल, अब आरोप तय करने के लिए मामले की सुनवाई 21 दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दी गई.

बता दें कि स्पीकर नार्वेकर और मंत्री लोढ़ा समेत अन्य पर गैरकानूनी रूप से एकत्रित होने और 2020 के लॉकडाउन के दौरान बढ़े हुए बिजली बिलों का विरोध करने और BEST के महाप्रबंधक को रोकने का आरोप है. आरोपों में धारा 353 (सरकारी कर्मचारी को उसके कर्तव्य के निर्वहन से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल का प्रयोग), 341 (गलत अवरोध), 332 (स्वेच्छा से एक लोक सेवक को चोट पहुंचाना), 143 (गैरकानूनी विधानसभा), 147 (दंगा) लगाई गई है. 

पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट भी दायर की थी और अगस्त में विशेष अदालत के समक्ष आरोपियों के खिलाफ आरोप प्रस्तुत किए गए थे. लोढ़ा और नार्वेकर कई बार कोर्ट में पेश हो चुके हैं. 9 जुलाई 2021 को सभी 20 आरोपी एक साथ कोर्ट के सामने पेश हुए थे. इस साल भी नार्वेकर और लोढ़ा कई मौकों पर मौजूद रहे थे.

हालांकि पहले आरोपियों ने आरोप मुक्त करने के लिए अर्जी दायर की थी जिसे बाद में वापस ले लिया गया. डिस्चार्ज अर्जियों को वापस लेने के बाद से अदालत को आरोप तय करने की कार्यवाही पूरी करनी है. हालांकि तब से ही नार्वेकर और लोढ़ा समेत कई आरोपी अदालत में पेश नहीं हुए हैं. सभी आरोपियों के अदालत में नहीं आने के कारण जज आरोपी के खिलाफ मुकदमे को आगे बढ़ाने में असमर्थ हैं.

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