बीजेपी के दिवंगत नेता गोपीनाथ मुंडे पार्टी के अंदर संघर्ष कर रहे थे और वे पार्टी भी छोड़ना चाहते थे. ऐसा दावा बीजेपी के पार्षद पांडुरंग फुंडकर ने विधान परिषद में किया.
गोपीनाथ मुंडे के बेहद करीबी सहयोगी और महाराष्ट्र विधान परिषद में नेता विपक्ष रह चुके पांडुरंग फुंडकर ने खुलासा किया कि मुंडे को हाल के दिनों तक बीजेपी में अपमानित किया जाता रहा. उन्होंने यह भी दावा किया कि कांग्रेस ने मुंडे को पार्टी में शामिल होने और केंद्रीय मंत्री का पद तक ऑफर किया था. राज्य में भी उनके सहयोगियों को 2 मंत्रालय देने का प्रस्ताव था.
फुंडकर ने कहा, 'मुंडे हर कदम पर संघर्ष कर रहे थे. एक बार वे बीजेपी छोड़ने वाले थे. मैंने इसका विरोध किया. उन्हें कई बार अपमानित होना पड़ा, लेकिन उन्होंने अपनी जिंदगी पार्टी को समर्पित कर दी थी.'
महाराष्ट्र संसदीय मामलों के मंत्री हर्षवर्धन पाटिल द्वारा मुंडे के योगदान पर सदन में चर्चा के दौरान फुंडकर ने कहा, 'कांग्रेस ने उन्हें केंद्र और राज्य में मंत्री पद की पेशकश की थी.'
फुंडकर ने 1974 से मुंडे से जुड़े होने की बात को याद कर भावुक होते हुए कहा, 'उनकी मौत को लेकर लोगों में काफी भ्रम है. मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए.'
गौरतलब है कि गोपीनाथ मुंडे 3 जून को जानलेवा सड़क हादसे के शिकार हो गए थे. नरेंद्र मोदी सरकार में वे केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री बने थे.