महाराष्ट्र के लातूर जिले के एक सरकारी स्कूल के शिक्षक को कथित तौर पर पुरुष छात्रों का यौन उत्पीड़न करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी.
एक अधिकारी ने बताया कि शिकायत के आधार पर पुलिस ने पिछले सप्ताह यौन उत्पीड़न से बच्चों के संरक्षण (POCSO) अधिनियम के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया और आरोपी शिक्षक को गिरफ्तार कर लिया.
उन्होंने कहा कि स्कूल के प्रिंसिपल ने आंतरिक जांच के बाद शिकायत दर्ज कराई. अधिकारी ने बताया कि जांच में पता चला कि शिक्षक ने अक्टूबर 2024 से जनवरी 2025 के बीच 12 वर्षीय लड़कों का कथित तौर पर यौन उत्पीड़न किया था.
POCSO क्या है?
POCSO (Protection of Children from Sexual Offences) अधिनियम, 2012 भारत में 18 साल से कम उम्र के बच्चों को यौन अपराधों से सुरक्षा देने के लिए बनाया गया कानून है. इसमें यौन शोषण, यौन उत्पीड़न, अश्लील सामग्री और अन्य यौन अपराधों को कड़ी सजा देने का प्रावधान है.
POCSO में सजा के प्रावधान:
यौन उत्पीड़न (Section 7 & 8)
किसी बच्चे को अनुचित तरीके से छूना या गलत इरादे से यौन संबंधी हरकतें करना.
सजा: 3 से 5 साल की कैद और जुर्माना.
यौन हमला (Section 9 & 10) (गंभीर अपराध)
बच्चे के साथ बलपूर्वक या किसी भी अन्य प्रकार का यौन हमला करना.
सजा: 5 से 7 साल की कैद और जुर्माना.
गंभीर यौन हमला (Aggravated Sexual Assault) (Section 5 & 6)
शिक्षक, पुलिस अधिकारी, रिश्तेदार, डॉक्टर या किसी प्रभावशाली व्यक्ति द्वारा यौन हमला करना.
सजा: 10 साल से आजीवन कारावास और जुर्माना.
बाल यौन शोषण (Sexual Exploitation) (Section 13, 14 & 15)
बच्चे से संबंधित अश्लील सामग्री बनाना, दिखाना या प्रचारित करना.
सजा: 5 से 7 साल की कैद और जुर्माना.
गंभीर अपराधों के लिए सख्त सजा
बलात्कार या हत्या जैसे अपराधों के लिए आजीवन कारावास या मृत्युदंड का प्रावधान भी है.
महत्वपूर्ण बातें:
POCSO कानून लड़के और लड़कियों दोनों के लिए समान रूप से लागू होता है.
इस कानून के तहत झूठी रिपोर्ट दर्ज करने पर भी सजा का प्रावधान है.
मामले की सुनवाई गोपनीय रूप से फास्ट ट्रैक कोर्ट में की जाती है.
POCSO कानून बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक सख्त और प्रभावी कानूनी उपाय है.