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घर वापसी के बाद बोले हामिद अंसारी- पहले नौकरी फिर छोकरी की सोचूंगा

मुंबई एयरपोर्ट पर पहुंचते ही हामिद अंसारी के दोस्तों और रिश्तेदारों ने दिल खोलकर उनका स्वागत किया. अंसारी ने कहा कि वह पहले एक नौकरी तलाशने की कोशिश करेंगे और फिर अपने लिए सही जीवनसाथी ढूंढ़ेंगे. उन्होंने कहा कि बीते दिनों में मेरे साथ जो कुछ भी हुआ, उसे मैं याद नहीं करना चाहता हूं.

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मां के साथ हामिद अंसारी
मां के साथ हामिद अंसारी

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जासूसी के आरोप में पाकिस्तान की जेल में 6 साल कैद रहकर भारत लौटे सॉफ्टवेयर इंजीनियर हामिद निहाल अंसारी गुरुवार को अपने गृहनगर मुंबई पहुंचे. यहां हामिद का जोरदार स्वागत हुआ और उनकी वतन वापसी से परिजन काफी खुश हैं. हालांकि हामिद अब पुराने जख्मों को कुरेदने नहीं चाहते और उनका कहना है कि वह जिंदगी में आगे बढ़ना चाहते हैं. हामिद का मानना है कि पाकिस्तान जाने का फैसला उन्होंने दिमाग से नहीं दिल से लिया था जिस गलती की सजा उन्हें भुगतनी पड़ी.

मुंबई एयरपोर्ट पर पहुंचते ही अंसारी के दोस्तों और रिश्तेदारों ने दिल खोलकर उनका स्वागत किया. अंसारी ने कहा कि वह पहले एक नौकरी तलाशने की कोशिश करेंगे और फिर अपने लिए सही जीवनसाथी ढूंढ़ेंगे. उन्होंने कहा कि बीते दिनों में मेरे साथ जो कुछ भी हुआ, उसे मैं याद नहीं करना चाहता हूं. मैं अपने भविष्य पर ध्यान देना चाहता हूं. हमिद ने कहा कि सबसे पहले मुझे नौकरी तलाशनी है, इसके बाद मैं शादी के लिए सही जीवनसाथी तलाशूंगा.

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अंसारी को 2012 में अफगानिस्तान से पाकिस्तान में अवैध रूप से प्रवेश करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. वह एक लड़की से मिलने पाकिस्तान गए थे, जिससे उनकी दोस्ती इंटरनेट के जरिए हुई थी. पाकिस्तान ने उनपर जासूसी का आरोप लगाया था. हामिद मंगलवार को ही वाघा-अटारी सीमा के रास्ते भारत लौटे हैं. 33 वर्षीय हामिद के पिता निहाल अंसारी ने बताया कि वह अपने परिजनों के साथ सुबह एअर इंडिया के एक विमान से नई दिल्ली से रवाना हुए और करीब साढ़े 9 बजे मुंबई एयरपोर्ट पहुंचे.

भुगतनी पड़ी गलतियों की सजा

घर के लिये रवाना होने से पहले हामिद ने कहा कि उन्होंने बीते दिनों में बहुत गलतियां कीं लेकिन अब मैं भविष्य में आगे बढ़ना चाहता हूं. मैं उन बातों में नहीं जाना चाहता, ये मेरे गुनाह और गलतियां हैं. अंसारी ने कहा कि मंगलवार को पाकिस्तान की जेल से रिहाई के बाद उन्होंने छह साल में पहली बार अपने माता-पिता की झलक देखी, जो अमृतसर में उनके इंतजार में बैठे थे.

उन्होंने कहा, ‘मैं उनसे तुरंत नहीं मिल सकता था क्योंकि मैं पाकिस्तान की ओर था. उस वक्त मेरे जेहन में यही ख्याल आया और मुझे एहसास हुआ कि मेरी वजह से उन्होंने बहुत दुख झेला. मैं उनसे तुरंत मिलना चाहता था, लेकिन ऐसा कर नहीं सका.’ आंख में लगी चोट के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि पाकिस्तान की जेल में पूछताछ के दौरान उन्हें यह चोट आई थी.

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हामिद अंसारी ने कहा कि पूछताछ के दौरन मेरी आंख का रेटिना फट गया. हालांकि उन्होंने मुझे सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया और इसका इलाज कराया, इलाज का खर्च भी उन्होंने ही उठाया. पेशावर की जेल में उन पर हुए हमले के बारे में उन्होंने कहा कि यह गलतफहमी की वजह से हुआ था.

भविष्य की योजनाओं के बारे में पूछे जाने पर सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने कहा कि पहले तो परिवार के साथ सुकून से खुशी मनाऊंगा. फिर नौकरी तलाशनी है, इसके बाद मुझे शादी के लिये लड़की तलाशनी है...पहले नौकरी फिर छोकरी.

हामिद के साथ क्या हुआ?

मुंबई में सॉफ्टवेयर इंजीनियर हामिद की दोस्ती साल 2012 में फेसबुक के जरिए एक पाकिस्तानी लड़की सबा से हो गई. लड़की के घरवाले उसकी शादी कहीं और करना चाहते थे. इसके लिए वो तैयार नहीं थी. वो हामिद से शादी करना चाहती थी और उसने हामिद से मदद मांगी. हामिद को लगा कि उसे लड़की की मदद करनी चाहिए. हामिद ने वीजा के लिए पाकिस्तानी हाईकमीशन में अर्जी दी, मगर वहां समय लगा रहा था.

उधर लड़की की शादी की तारीखें नजदीक आ रहीं थी. ऐसे में हामिद की मदद करने एक पाकिस्तानी दोस्त आया, इससे भी हामिद की दोस्ती ऑनलाइन हुई थी. उसने हामिद को सलाह दी कि वो अफगानिस्तान के रास्ते पाकिस्तान में घुसे. हामिद उस समय भावनाओं में बहुत बहा हुआ था. उसने दोस्त की बात मान ली और अफगानिस्तान से पेशावर पहुंच गया. हामिद के मुताबिक इसी दोस्त ने उसकी पीठ में छुरा घोंप दिया.

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हामिद को पहले दोस्त ने फेक आईडी दी और फिर पाकिस्तानी एजेंसियों को खबर करके हामिद को पकड़वा दिया. फिर उसके साथ शुरू हुआ टॉर्चर का सिलसिला. वो तो भला हो कि उस पाकिस्तानी लड़की ने गवाही दी कि हामिद उससे फेसबुक पर मिला था और उसके लिए पाकिस्तान आया था, इसलिए हामिद पर सिर्फ फेक आईडी रखने का केस चला. वरना केस जासूसी का भी हो सकता था और हामिद की वतन वापसी कब होती कहना मुश्किल हो जाता. लेकिन अब पाकिस्तान मीडिया से लेकर विदेश मंत्रालय की मदद से हामित की वतन वापसी मुमकिन हो पाई है.

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