नाथूराम गोडसे महात्मा गांधी का हत्यारा था तो फिर उसका सम्मान क्यों? सियासी दल ये सवाल पूछे रहे हैं. क्योंकि हिंदू महासभा और महराणा प्रताप बटालियन जैसे संगठन गोडसे की पुण्यतिथि को बलिदान दिवस के तौर पर मना रहे हैं. गोडसे को 15 नवंबर को फांसी दी गई थी.
संघ ने खुद को अलग किया
आरएसएस ने खुद को इस विवाद से अलग कर लिया है. आरएसएस के संघ विचारक एमजी वैद्य ने कहा है कि गोडसे हत्यारा था और उसके सम्मान का समर्थन नहीं किया जा सकता. वैद्य ने कहा है कि गांधीजी जैसे महान व्यक्ति की हत्या को बिल्कुल भी सही नहीं कहा जा सकता.
कई पार्टियों ने किया विरोध
गोडसे को श्रद्धांजलि दिए जाने को लेकर कई राजनीतिक दलों ने विरोध जताया है. हिंदू महासभा के विरोध में मुंबई ने कांग्रेस ने प्रदर्शन किया. वहीं लेफ्ट, जेडीयू और एनसीपी भी आगबबूला हुईं. उन्होंने भी बलिदान दिवस मनाने का विरोध किया है.
गोडसे पर वेबसाइट भी लॉन्च
हिंदू महासभा ने गोडसे का बलिदान दिवस मनाते हुए एक वेबसाइट भी लॉन्च की. इस पर गोडसे को भुला दिया गया असली हीरो बताया गया है. वेबसाइट के सदस्यों ने कहा कि यह साइट इसलिए लॉन्च की गई ताकि लोगों को गोडसे की अच्छाइयों के बारे में बताया जा सके.
ओछी राजनीति कर रही है कांग्रेसः बीजेपी
बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन ने कहा है कि कांग्रेस ओछी राजनीति पर उतर आई है. जो घटिया पोस्टर नेहरू और मोदी की तुलना करते हुए लगाए गए हैं वह मोदी ही नहीं, बल्कि नेहरू का अपमान है. उन्होंने कहा कि बीजेपी गोडसे को हत्यारा मानती है .