कांग्रेस नेता चंद्रकांत हंडोरे के बेटे गणेश हंडोरे को बॉम्बे हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. गणेश के ने हाई कोर्ट में अपील की थी जिसके बाद उन्हें कोर्ट से अंतरिम राहत मिली. वो कानूनी हिरासत में हैं और उन्होंने कोर्ट से उनके रिमांड ऑर्डर को रद्द करने की अपील के साथ कहा कि उनकी गिरफ्तारी अवैध है और इसलिए उन्हें कानूनी हिरासत से रिहा करने की अंतरिम राहत मिलनी चाहिए. गणेश को मुंबई पुलिस ने 5 अक्टूबर को 'हिट एंड रन' केस में गिरफ्तार किया था. गणेश तेज रफ्तार और लापरवाही से गाड़ी चला रहे थे, जिसमें एक बाइक सवार का एक्सीडेंट हो गया था.
गणेश ने हाई कोर्ट से की अपील
गणेश के वकील राजीव चव्हाण और अश्विनी थूल ने कोर्ट में कहा कि जब गणेश के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई थी, तब जमानत मिल सके ऐसे चार्ज लगाए गए थे, लेकिन बाद में भारतीय न्याय संहिता के तहत उनपर धारा 110 लगाई गई, जिसमें उन्हें जमानत नहीं मिल सकती थी. धारा 110 तब लगाया जाता है जब किसी के ऊपर गैर इरादतन हत्या करने का आरोप हो. दोनों वकीलों ने कोर्ट को ये भी बताया कि गणेश की तबीयत ठीक नहीं थी और वो एक गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे, जिसके चलते उनकी इस मामले में जल्दी सुनवाई की अपील हो. उन्होंने भी कहा कि जिन अन्य धाराओं में जमानत मिलती है, पुलिस को धारा 41A के तहत एक नोटिस देना चाहिए था जो उन्होंने नहीं किया.
जज रेवती मोहिते डेरे और पृथ्विराज चव्हाण ने सभी सबूतों को देखकर पुलिस से कहा, 'हम अंतरिम राहत देंगे. आप अपनी जांच जारी रखें. हमें संदेह है कि इस केस में धारा 110 लागू करनी सही है. ये केस पूरी तरह से तेज और लापरवाही से गाड़ी चलाने का है. वो शराब पीकर गाड़ी नहीं चला रहा था. अगर ये धारा 110 इस केस में लागू होती है तो ये हर एक्सीडेंट वाले केस में लागू करनी चाहिए. अगर आप ऐसे ही लोगों को पकड़ने लगेंगे तो क्या होगा? ये कानून का गलत इस्तेमाल करने का बेहतरीन मामला है.'
कोर्ट ने खारिज की थी बेल
पिछले हफ्ते मुंबई कोर्ट ने गणेश की बेल को खारिज कर दिया था. सेशन कोर्ट ने ये पाया था कि गणेश ने अपनी गाड़ी से बाइक चालक को टक्कर मारी और बिना रुके वहां से घायल को अपनी गाड़ी से घसीटता हुआ ले भागा, जो उसके गलत इरादों और अपराध को बताता है.
कोर्ट ने गणेश की उस बात को भी खारिज कर दिया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि वो उस समय डायबिटीज ज्यादा होने के चलते आगे कुछ देख नहीं पाए और एक्सीडेंट हो गया. कोर्ट का कहना है कि अभी डायबिटीज वाली बात का केस में आना काफी जल्दी है. इस केस में अभी उन लोगों का भी बयान लेना बाकी है, जिन्होंने अपने आंखों से एक्सीडेंट होता देखा है. पीड़ितों की दलील को ध्यान में रखते हुए कि घायल आरोपी और गवाह सब एक ही जगह के रहने वाले हैं, कोर्ट ने आरोपी की बेल को खारिज किया ताकि बाद में आरोपी या उसके संबंधी घायल पीड़ितों पर किसी भी प्रकार का दबाव ना डाल पाएं.
कहां हुआ था हादसा?
ये हादसा 5 अक्टूबर को आचार्य कॉलेज चेंबुर के पास हुआ था. उनकी गाड़ी से एक टू-व्हीलर को टक्कर लग गई थी. घायल की बहन ने गणेश के खिलाफ कंप्लेंट दर्ज कराई थी, जिसके बाद गोवंडी पुलिस ने केस दर्ज किया था. पुलिस ने कहा कि गणेश का ये गुनाह काफी गंभीर है, क्योंकि गणेश अपनी गाड़ी को पतली सी रोड में भी काफी तेजी से चला रहे थे और उन्होंने घायल की मदद करने गाड़ी की रफ्तार धीमी भी नहीं की.