महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर (chhatrapati sambhajinagar) में दर्दनाक घटना सामने आई है. यहां पति के उत्पीड़न से परेशान होकर 26 साल की नवविवाहित डॉक्टर ने सुसाइड कर लिया. इस मामले की जानकारी मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और जायजा लिया. पुलिस ने शव कब्जे में लेकर मामले की जांच-पड़ताल शुरू कर दी है.
एजेंसी के अनुसार, एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि 26 वर्षीय डॉक्टर प्रतीक्षा भुसारे की शादी पांच महीने पहले हुई थी. प्रतीक्षा छत्रपति संभाजीनगर के एक प्राइवेट अस्पताल में मेडिकल ऑफिसर थीं. प्रतीक्षा ने रविवार को अपने घर में पंखे से लटककर आत्महत्या कर ली. पुलिस ने बताया कि प्रतीक्षा ने अपने पति पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए सात पन्नों का नोट छोड़ा है. नोट में इस घटना के लिए पति को जिम्मेदार ठहराया गया है.
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डॉक्टर के परिजनों की शिकायत के आधार पर दहेज हत्या और आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में पति के खिलाफ सिडको पुलिस स्टेशन में केस दर्ज किया गया है. सात पन्नों के सुसाइड नोट में पति द्वारा किए गए उत्पीड़न की बातें लिखी हैं. डॉक्टर ने लिखा है कि पति कैरेक्टर पर सवाल उठाता था और वह मेरे फोन कॉल का रिकॉर्ड देखने के साथ ही मैसेज भी चेक करता था.
डॉक्टर प्रतीक्षा की शादी इसी साल 27 मार्च को हुई थी. महिला डॉक्टर के पिता ने आरोप लगाया है कि बेटी की शादी के बाद से उसका पति लगातार दहेज में पैसों का दबाव बना रहा था. उसने रूस से एमबीबीएस किया था, वह अपना अस्पताल खोलना चाहता था, इसी को लेकर वह पैसों के लिए प्रताड़ित कर रहा था.
सुसाइड नोट डॉक्टर प्रतीक्षा ने क्या लिखा?
'प्रिय, मैं तुमसे बहुत प्यार करती था. तुम्हारे लिए मैं खुद को भूल गई. तुमने मुझ जैसी मुस्कुराती लड़की को सताकर कमजोर बना दिया. तुमने एक आत्मनिर्भर लड़की को आश्रित बना दिया. मैंने बहुत सारे सपने लेकर तुमसे शादी की थी कि आपका ख्याल रखेंगे, करियर में साथ देंगे, हमारा छोटा सा परिवार होगा.
आपके कहने पर मैंने सब कुछ छोड़ दिया. आप दोस्तों, रिश्तेदारों, माता-पिता, भाई से बात करने पर गुस्सा हो जाते थे, इसलिए मैंने उनसे भी ज्यादा बात नहीं की. फिर भी आपका पेट नहीं भरा. मोबाइल फोन बदलने को कहा, बदल लिया. नंबर बदलने के लिए बहस की, इसके लिए तैयार भी हो गई, लेकिन आपका संदेह खत्म नहीं हुआ. लगातार मेरे चरित्र पर संदेह करते रहे. ईश्वर की शपथ लेकर कहती हूं कि मैं तुम्हारे प्रति ईमानदार रही हूं और रहूंगी. मैं कुछ भी गलत नहीं किया.
मैंने भगवान के पास जाते समय मां और पिताजी को फोन नहीं किया. मुझे अच्छा नहीं लगा, लेकिन मैंने कंट्रोल किया. मैंने शादी से पहले तुम पर पैसे खर्च किए थे. हालांकि आपने तर्क दिया कि आपने शादी के खर्च के लिए अपने माता-पिता को पैसे दिए थे. वह पैसे मैंने अपनी मेहनत और अपने माता-पिता की मदद से कमाए थे. मैं स्त्री रोग विशेषज्ञ बनना चाहती थी, लेकिन तुमने सब पर पानी फेर दिया.
जब मैं चली जाऊंगी तो तुम्हें एक सुंदर दहेज वाली पत्नी मिल जाएगी. एट लीस्ट दूसरी पत्नी और खुश रहो. मुझसे नौकरी के लिए कहा जाता है. मुझ पर नजर रखने के लिए दोस्तों को बुलाया जाता है. यहां तक कि ऑफिस में भी डराया-धमकाया जाता है. मैंने आपसे बहुत प्यार किया. अलविदा. अब आप एक आजाद पक्षी हैं.'
नोट:- (अगर आपके या आपके किसी परिचित के मन में आता है खुदकुशी का ख्याल तो ये बेहद गंभीर मेडिकल एमरजेंसी है. तुरंत भारत सरकार की जीवनसाथी हेल्पलाइन 18002333330 पर संपर्क करें. आप टेलिमानस हेल्पलाइन नंबर 1800914416 पर भी कॉल कर सकते हैं. यहां आपकी पहचान पूरी तरह से गोपनीय रखी जाएगी और विशेषज्ञ आपको इस स्थिति से उबरने के लिए जरूरी परामर्श देंगे. याद रखिए जान है तो जहान है.)