महाराष्ट्र की पूर्व मंत्री और भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय सचिव पंकजा मुंडे ने गुरुवार को कहा कि वह बीजेपी की हैं लेकिन पार्टी उनकी नहीं है. दरअसल, बीजेपी के दिवंगत वरिष्ठ नेता गोपीनाथ मुंडे की बेटी पंकजा 2019 के विधानसभा चुनावों में हार के बाद से राजनीति से दूर नजर आ रही हैं.
2014 से 2019 के बीच देवेंद्र फडणवीस सरकार में वह कैबिनेट मंत्री थीं. पिछले राज्य चुनावों में पंकजा अपने चचेरे भाई और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता धनंजय मुंडे से अपनी सीट परली में हार गई थीं.
एक कार्यक्रम में बोलते हुए पंकजा मुंडे ने कहा कि बीजेपी एक बड़ी पार्टी है और वह मेरी नहीं है. उन्होंने महादेव जानकर के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय समाज पक्ष का जिक्र करते हुए कहा कि मैं बीजेपी से ताल्लुक रखती हूं. अगर पिता से कोई समस्या होगी तो मैं अपने भाई के घर जा सकती हूं. आरएसपी मेरा मायका है.
दरअसल, गोपीनाथ मुंडे के करीबी सहयोगी जानकर ने कहा था, 'मेरी बहन की पार्टी से हमारे समुदाय को कोई फायदा नहीं होगा क्योंकि रिमोट कंट्रोल किसी और के पास होगा.'
बता दें कि पिछले कुछ वर्षों में, ऐसी अटकलें लगाई जाती रही हैं कि पंकजा मुंडे को बीजेपी ने दरकिनार कर दिया है. अगस्त 2022 में एकनाथ शिंदे-फडणवीस कैबिनेट के पहले विस्तार के बाद उन्होंने कहा था कि कैबिनेट में जगह पानी के लिए वह शायद काबिल नहीं हैं. वहीं महाराष्ट्र बीजेपी अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने जनवरी में कहा था कि कुछ लोग पार्टी और पंकजा मुंडे के बीच दरार पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं.
2019 में भाई से चुनाव हारी थीं पंकजा
महाराष्ट्र की परली विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) प्रत्याशी और कैबिनेट मंत्री पंकजा मुंडे को उन्हीं के चचेरे भाई ने करारी शिकस्त दी थी. पकंजा मुंडे को परली विधानसभा सीट पर 91413 वोट मिले थे, जबकि धनंजय मुंडे को 1 लाख 22 हजार 114 वोट हासिल हुए थे. इससे पहले तक धनंजय विधान परिषद में विपक्ष के नेता थे. उन्होंने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के टिकट पर पंकजा को हराया था. हालांकि 2014 के चुनाव में पंकजा ने धनंजय को हराया था.
जब चाचा गोपीनाथ का साथ छोड़ NCP में शामिल हुए थे धनंजय
भारतीय जनता पार्टी के नेता और केंद्रीय मंत्री रहे दिवंगत गोपीनाथ मुंडे के भतीजे धनंजय मुंडे ने अपने चाचा का साथ छोड़ते हुए 2012 में शरद पवार की एनसीपी जॉइन कर ली थी. उन्हें 2014 में NCP ने विधान परिषद का सदस्य भी बनाया था. इसके बाद उसी साल मुंडे को विधानसभा का चुनाव भी लड़ाया गया था, लेकिन पंकजा मुंडे से उन्हें मात खानी पड़ी. फिर 2019 में धनंजय ने परली सीट से चचेरी बहन पंकजा को चुनाव हरा दिया और महाविकास अघाड़ी सरकार में कैबिनेट मंत्री बने.