नवी मुंबई पुलिस ने महाराष्ट्र सरकार को एक रिपोर्ट सौंपी है. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि विवादास्पद प्रोबेशनरी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर (IAS Pooja khedkar) ने एक डीसीपी रैंक के अधिकारी पर चोरी आरोपी को रिहा करने का दबाव बनाने की कोशिश की थी. हालांकि पुलिस ने उस कॉल को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की थी.
एजेंसी के अनुसार, यह मामला 18 मई को पनवेल पुलिस स्टेशन का है. यहां पूजा खेडकर ने कथित तौर पर पुलिस उपायुक्त विवेक पानसरे को कॉल किया और उनसे चोरी के आरोप में गिरफ्तार किए गए ट्रांसपोर्टर ईश्वर उत्तरवाड़े को छोड़ देने की बात कही.
पुलिस के अनुसार, खेडकर ने डीसीपी से स्पष्ट कहा कि उत्तरवाड़े निर्दोष है और उसके खिलाफ आरोप मामूली हैं. पूजा खेडकर ने पानसरे को कॉल पर अपना इंट्रोडक्शन दिया था, लेकिन डीसीपी को यकीन नहीं हुआ कि कॉल किसी आईएएस अधिकारी ने किया है या कोई झूठ बोल रहा है. पुलिस ने इस कॉल पर कोई कार्रवाई नहीं की. चोरी का आरोपी उत्तरवाडे अभी न्यायिक हिरासत में है.
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आईएएस पूजा खेडकर हाल ही में तब सुर्खियों में आईं, जब उन्हें ट्रेनिंग पूरी होने से पहले ही पुणे से वाशिम जिले में ट्रांसफर कर दिया गया. पूजा ने पुणे में अलग से केबिन और स्टाफ जैसी डिमांड की थी, जिसको लेकर विवाद खड़ा हो गया था. 32 वर्षीय प्रोबेशनरी आईएएस अधिकारी पूजा के व्यवहार को लेकर नवी मुंबई पुलिस ने पुणे कलेक्टर कार्यालय और गृह विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी से संपर्क किया.
गृह विभाग के अफसर की सलाह पर डीसीपी पानसरे ने कथित फोन कॉल पर दो पन्नों की रिपोर्ट मुख्य सचिव सुजाता सौनिक को भेजी, जो नवी मुंबई पुलिस आयुक्त मिलिंद भारम्बे के माध्यम से गृह विभाग का अतिरिक्त प्रभार संभालती हैं.
पुणे कलेक्टर कार्यालय में पूजा खेडकर के आचरण के अलावा ऐसे भी आरोप हैं कि खेडकर ने भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) में पद हासिल करने के लिए ओबीसी सर्टीफिकेट का दुरुपयोग किया.
इस बीच केंद्र ने गुरुवार को महाराष्ट्र कैडर के 2023 बैच की आईएएस अधिकारी की उम्मीदवारी की पुष्टि के लिए एक समिति का गठन किया. एक बयान में केंद्र की ओर से कहा गया है कि पूजा खेडकर की उम्मीदवारी और अन्य विवरणों पर दावों की पुष्टि के लिए एक अतिरिक्त सचिव रैंक के अधिकारी द्वारा जांच की जाएगी.