राणा दंपति और शिवसेना के बीच बढ़ती तनातनी के बीच बीएमसी (मुंबई म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन) ने सोमवार को राणा के खार स्थित फ्लैट के बाहर एक नोटिस चस्पा कर दिया. इस नोटिस के मुताबिक बीएमसी 4 मई को फ्लैट का निरीक्षण करेगी. इसमें अवैध निर्माण कराने की बात कही गई है. वहीं सांसद और विधायक के करीबी सूत्रों ने इस कार्रवाई को बदले की राजनीति करार दिया है. उन्होंने कहा कि हनुमान चालीसा के पाठ करने पर अड़े रहने के कारण यह कार्रवाई की जा रही है. मालूम हो कि राणा दंपत्ति पिछले 11 दिनों से जेल में हैं.
इस एक्ट के तहत की कार्रवाई
मुंबई म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन एक्ट 1888 के सेक्शन 488 के तहत नोटिस चस्पा की गई है. इसमें कहा गया है कि राणा दंपति के घर में अवैध निर्माण किए गए हैं, जिसकी जांच करने के संबंध में मुंबई महानगरपालिका ने घर के दरवाजे पर नोटिस लगाई है.
बेल पर 4 मई को आएगा फैसला
सांसद नवनीत राणा और उनके पति विधायक रवि राणा को सोमवार को कोर्ट से जमानत नहीं मिल सकी है. दरअसल जमानत पर निचली अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. सोमवार को कोर्ट पूरा ऑर्डर नहीं लिख पाई इस वजह से फैसला नहीं हो सका. मंगलवार को ईद की छुट्टी है, ऐसे में अब 4 मई को फैसला सुनाया जाएगा.
सांसद को नहीं मिल रहा ठीक इलाज
वहीं अमरावती से सांसद नवनीत राणा के वकील रिजवान मर्चेंट ने दावा किया है कि उनकी मुवक्किल को जेल में उचित इलाज नहीं मिल पा रहा है. रिजवान मर्चेंट ने बाइकुला जेल के सुपरिटेंडेंट को पत्र लिखा है. इसमें उन्होंने दावा किया है कि नवनीत राणा स्पोंडिलोसिस से जूझ रही हैं, उन्हें सीटी स्कैन की सुविधा उपलब्ध नहीं कराई जा रही है. उन्होंने लिखा कि लंबे वक्त तक नवनीत राणा को फर्श पर बैठने और सोने के लिए मजबूर किया गया. ऐसे में स्पोंडिलोसिस की वजह से उनका दर्द बढ़ गया है.
यह है पूरा मामला
लाउडस्पीकर से अजान पर विवाद के बीच राणा दंपति ने कहा था कि वह सीएम उद्धव के घर के बाहर जाकर हनुमान चालीसा पढ़ेंगे. इसके बाद शिवसैनिकों ने हंगामा किया और शिकायत दर्ज करा दी. फिर पुलिस ने उनको 23 अप्रैल को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया. खार पुलिस स्टेशन में दर्ज केस में बाद में राजद्रोह की धारा भी जोड़ी गई थी.