महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उसके सहयोगी शिवसेना में गतिरोध जारी है. इस बीच एक और निर्दलीय विधायक ने शिवसेना को समर्थन देने का फैसला किया है. साकरी से चुनाव जीतने वालीं विधायक मंजुला गवित ने शिवसेना को अपना समर्थन देने का फैसला किया है.
उनके समर्थन के बाद शिवसेना के पाले में विधायकों का आंकड़ा 62 पर पहुंच गया है. बता दें कि शिवसेना ने हाल में हुए विधानसभा चुनाव में 56 सीटों पर जीत हासिल की थी. हालांकि, चुनावी नतीजों के बाद पांच अन्य विधायकों ने शिवसेना को समर्थन देने का ऐलान किया था.
Shiv Sena: 4 independent MLAs, Manjula Gavit, Chandrakant Patil, Ashish Jaiswal & Narendra Bhondekar have extended their support to Shiv Sena. Bachchu Kadu & RajKumar Patel of Prahar Janshkti Party, Shankarrao Gadakh of Krantikari Shetkari Party have also extended their support. pic.twitter.com/pqwEOaz2oa
— ANI (@ANI) October 30, 2019
शिवसेना सत्ता में बराबरी की साझेदारी के लिए कड़ी सौदेबाजी कर रही है, जिसमें बराबर संख्या में मंत्री और ढाई-ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद की मांग शामिल है. शिवसेना ढाई-ढाई साल के मुख्यमंत्रियों के कार्यकाल के लिए बीजेपी से लिखित में आश्वासन चाहती है.
यहां फंसा है पेच
बीजेपी के उच्च पदस्थ सूत्रों ने इंडिया टुडे को बताया कि बीजेपी शिवसेना को कैबिनेट में 14 सीटें देना चाहती है, लेकिन शिवसेना 18 सीटों की मांग कर रही है. इसके अलावा, शिवसेना महत्वपूर्ण मंत्रालयों पर भी दावेदारी ठोक रही है. जबकि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने स्पष्ट किया है कि वे गृह और शहरी विकास जैसे प्रमुख मंत्रालयों का बंटवारा नहीं करेंगे.
सूत्रों का कहना है कि हालांकि, बीजेपी फाइनेंस या पीडब्ल्यूडी जैसे मंत्रालय शिवसेना को देने पर विचार कर रही है. लेकिन बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि ये अहम मंत्रालय शिवसेना को न दिए जाएं.