महाराष्ट्र के बीड में जबरन वसूली मामले में हुई सरपंच संतोष देशमुख की हत्या पर राजनीति गरमाती जा रही है. इसी बीच के डिप्टी सीएम और NCP चीप अजित पवार ने बीड का दौरा किया, जहां उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं को आड़े हाथ लिया. और कहा कि मेरी तारीफ करने की कोशिश मत करो, इसके बजाए सार्वजनिक जीवन में अपने आचरण को अच्छा करें. मैं किसी भी गलत काम को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करूंगा. उन्होंने ये बातें बीड के संरक्षक मंत्री का कार्यभार संभालते हुए कही हैं.
अजित पवार ने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि मुझे मालाओं और भगवान की मूर्तियों के साथ मुझे शुभकामनाएं देने के बजाए सार्वजनिक जीवन में लोगों के साथ अच्छा व्यवहार करें. इसके बाद उन्होंने बीड के संरक्षक मंत्री के रूप में कार्यभार संभालने के बाद उन्होंने बीड जिला मजिस्ट्रेट कार्यालय में पहली डीपीडीसी बैठक की
मसाजोग के सरपंच संतोष देशमुख की हत्या के बाद सत्तारूढ़ दल के नेता और विपक्षी दल धनंजय मुंडे के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं और उन्हें बीड का गार्जियन मंत्री नियुक्त करने का विरोध कर रहे थे. तमाम अव्यवस्थाओं के बीच अजित पवार ने खुद बीड की जिम्मेदारी संभाली और संरक्षक मंत्री के तौर पर कार्यभार संभाला.
डीपीडीसी की पहली बैठक में गुरुवार को अजित परवार से साथ मंत्री धनंजय मुंडे, पंकजा मुंडे, धनंजय मुंडे, राकांपा विधायक संदीप क्षीरसागर, भाजपा विधायक नमिता मुंदडा, सांसद बजरंगप्पा सोनवणे और राज्यसभा सदस्य राजन पाटिल मौजूद थे.
'मैं बर्दाश्त नहीं करूंगा गलत काम'
बैठक से पहले अजित पवार ने मीडिया से बात करते हुए साफ कहा कि मैं उगाही और अराजकता जैसी पहले हुई चीजों को बर्दाश्त नहीं करूंगा. मैं पुलिस बल से उन लोगों पर मकोका अधिनियम के तहत मामला दर्ज करने के लिए भी कहूंगा. अपने फायदे के लिए निवेशकों को धमकाया या उनका शोषण नहीं किया जाना चाहिए. क्षेत्र में स्वतंत्र एवं निष्पक्ष वातावरण होना चाहिए. मैंने देखा है कि कुछ लोग खुलेआम बंदूकें लहराते हैं, कमर पर रखते हैं और ताकत का प्रदर्शन करते हैं. लेकिन अब इसकी इजाजत नहीं होगी. मैंने पुलिस अधीक्षक से ऐसे लोगों का बंदूक लाइसेंस रद्द करने को कहा है.
बीजेपी विधायक ने लगाए गंभीर आरोप
डीपीडीसी की पहली बैठक से पहले भाजपा विधायक सुरेश धास ने आरोप लगाया कि जब धनंजय मुंडे गार्जियन मंत्री थे तो उनके लोगों ने खूब फायदा उठाया और जमीन पर काम किए बिना पैसे ले लिए. जिसके कारण जिले का बुनियादी ढांचा चरमराने के कगार पर है. मुंडे के करीबियों ने 78 करोड़ रुपये के फर्जी बिल लिए हैं. सूत्रों के मुताबिक धास ने इस खास मामले के सारे सबूत अजित पवार को दे दिए हैं.
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, 6 दिसंबर 2024 को वाल्मिक कराड के करीबी सहयोगी मासजोग में अवदा विंडमाइल्स ऑफिस गए. आधिकारिक बयान के मुताबिक वे 2 करोड़ की रंगदारी मांग रहे थे. सुरक्षा गार्ड ने उन्हें गेट पर रोक दिया और उनसे कहा कि बस मुझे आपकी नियुक्ति की पुष्टि करने के लिए कुछ वक्त दीजिए. सुदर्शन घुले और उनके सहयोगियों ने गुस्से में आकर सुरक्षा गार्ड को पिटाई कर दी जो एससी वर्ग से थे और मासाजोग के रहने वाले थे.
इस घटना की जानकारी मिलने पर सरपंच संतोष देशमुख व अन्य ग्रामीण मौके पर आए, जहां तीखी नोकझोंक व विवाद हो गया. सुदर्शन घुले ने इस घटना को निजी तौर पर ले लिया और बदला लेने के लिए 9 दिसंबर को सुदर्शन घुले ने 6 अन्य लोगों के साथ मिलकर केज के टोल टैक्स के पास से संतोष देशमुख का अपहरण कर लिया. अपहरण के बाद उन्होंने देशमुख को बेरहमी से पीटा, उसके पूरे शरीर पर वार किया और उसे मार डाला.
देशमुख की हत्या के बाद महाराष्ट्र में गरमाता जा रहा है. देशमुख की हत्या में शामिल सभी आरोपी धनंजय मुंडे के करीबी वाल्मिक कराड के बेहद करीबी थे. सत्तापक्ष और विपक्ष आरोप लगा रहे हैं कि इसके पीछे कराड का हाथ है और उस पर 302 के तहत मुकदमा चलना चाहिए.