महाराष्ट्र के पुणे में गुलेन बैरी सिंड्रोम (GBS) का कहर तेजी से बढ़ रहा है. अब तक इस बीमारी के 111 मामले सामने आ चुके हैं और एक शख्स की मौत भी हुई है. 17 मरीज वेंटिलेटर पर हैं. हालांकि, राहत की बात ये है कि 7 मरीजों को अस्पताल से छुट्टी भी मिल गई है. लेकिन इसी बीच एक चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है. महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री प्रकाश अबीतकर ने सोमवार को खुलासा किया कि पुणे में इस बीमारी के चपेट में आने वाले करीब 80 फीसदी मरीज सिंघगढ़ रोड पर स्थित नांदेड गांव के पास के रहने वाले हैं. जहां एक कुआं स्थित है.
कई लोगों ने चिंता जताई है कि यह बीमारी संभवता पानी के प्रदूषण से फैली है. मंत्री ने नगर निगम से इस मामले की जांच करने को कहा है. दरअसल, स्थिति का जायजा लेने के लिए स्वास्थ्य मंत्री पुणे पहुंचे थे. नादेड गांव में पानी की निकासी की जांच करने के बाद उन्होंने कहा, '80 प्रतिशत मामले इस कुएं के आसपास के इलाकों से हैं. राज्य स्वास्थ्य विभाग और पुणे नगर निगम (PMC) इस मुद्दे को हल करने के लिए आवश्यक कदम उठा रहे हैं.'
जानकारी के अनुसार, यह कुआं आसपास के गांवों के लिए पानी का स्रोत है. वहीं, इस बीमारी की जांच के लिए इलाके के अन्य पानी के स्त्रोतों की भी जांच की जा रही है. साथ ही घरों में भी टेस्टिंग हो रही है. लोगों के ब्लड सैंपल लिए जा रहे हैं.
क्या है गुलेन बैरी सिंड्रोम
यह एक ऑटोइम्यून न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है. इस बीमारी में हमारा इम्यून सिस्टम अपनी ही नर्व्स पर अटैक करता है. इसके कारण लोगों को उठने-बैठने और चलने तक में समस्या होती है. यहां तक की लोगों का सांस लेना भी मुश्किल हो जाता है. लकवा की समस्या भी इस बीमारी का लक्षण है.
दरअसल, हमारा नर्वस सिस्टम दो हिस्सों में होता है. पहला हिस्सा सेंट्रल नर्वस सिस्टम कहलाता है, जिसमें रीढ़ की हड्डी और ब्रेन वाला पार्ट होता है, जबकि दूसरे हिस्से में पेरिफेरल नर्वस सिस्टम आता है, जिसमें पूरे शरीर की अन्य सभी नर्व्स होती हैं. गुलेन बैरी सिंड्रोम में इम्यून सिस्टम नर्वस सिस्टम के दूसरे हिस्से यानी पेरिफेरल नर्वस सिस्टम पर ही हमला करता है.
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क्या है इसका लक्षण
गुलेन बैरी सिंड्रोम की शुरुआत आमतौर पर हाथों और पैरों में झुनझुनी और कमजोरी से होती है. ये लक्षण तेजी से फैल सकते हैं और लकवे में बदल सकते हैं. इसके शुरुआती लक्षण ये हो सकते हैं...
-हाथों, पैरों, टखनों या कलाई में झुनझुनी.
-पैरों में कमजोरी.
-चलने में कमजोरी, सीढ़ियां चढ़ने में दिक्कत.
- बोलने, चबाने या खाना निगलने में दिक्कत.
- आंखों की डबल विजन या आंखों को हिलाने में दिक्कत.
- तेज दर्द, खासतौर पर मांसपेशियों में तेज दर्द. -
-पेशाब और मल त्याग में समस्या.
-सांस लेने में कठिनाई.