महाराष्ट्र में होनेवाले महानगरपालिकाओं और जिला परिषद के चुनावों मे खड़े होनेवाले उम्मीदवारों के लिए इसबार का चुनाव लड़ना आसान नहीं होगा. इसबार चुनाव एक्सपैंडिचर ऑबजर्वर के रुप में कोई सरकारी अधिकारी नहीं बल्कि आयकर विभाग के
अधिकारी होंगे, जिनकी कड़ी नजर उम्मीदवारों के एक-एक पैसे पर होगी.
इसके साथ ही राज्य चुनाव आयोग ने सभी बैंकों को हिदायत दी है कि अगर किसी भी उम्मीदवार के बैंक अकाउंट में संदेहजनक लेन-देन पाया जाए तो तुरंत सभी एजेंसियों को सूचित किया जाए. आजतक से खास बातचीत के दौरान राज्य चुनाव आयोग के कमिश्नर जेएस सहारीया ने कहा कि चुनाव लड़ने के लिए हर राजनैतिक पार्टी और सभी उम्मीदवारों को कई नियमों का पालन करना होगा.
1. चुनाव में लड़नेवाली हर एक राजनैतिक पार्टी औऱ उम्मीदवार को अपना एक अलग बैंक अकाउंट खोलना होगा यानी चुनाव का सारा खर्च इसी बैंक अकाउंट से किया जाना चाहिए
2. हर एक उम्मीदवार औऱ राजनैतिक पार्टी को बैंकिंग लेनदेन की जानकारी हर दिन राज्य चुनाव आयोग को देनी होगी.
3. चुनाव के बाद हर एक उम्मीदवार को एक महीने के भीतर और राजनैतिक पार्टी को दो महीनों के भीतर अपनी बैंकिंग लेनेदेन के पूरी डिटेल रिपोर्ट आयोग के सामने सौंपनी होगी.
यदि ऐसा नहीं किया गया तो राजनीतिक पार्टी औऱ जीता हुआ उम्मीदवार अपनी सदस्यता हमेशा के लिए खो सकता है. इस काम के लिए करीब 60 आयकर अधिकारियों को ऑबजर्वर बनाया जाएगा, जिनमें से 15 ऑबजर्वर बीएमसी चुनाव के लिए होंगे जोकि आयकर विभाग के एक नोडल ऑफिसर को रिपोर्ट करेंगे. यह नोडल औफिसर आयोग द्वारा चुने गए एक खास अधिकारी को रिपोर्ट करेंगे जो सीधे राज्य चुनाव आयोग से जुड़े रहेंगे.
इनके अलावा राज्य चुनाव आयोग ने आयकर विभाग को उन हवाला ऑपरेटरो पर नजर ऱखने का निर्देश दिया है जो चुनाव से पहले उम्मीदवारों को गैरकानूनी तरीके से मदद कर सकते हैं. गौरतलब है कि स्टेशन से लेकर एयरपोर्ट तक औऱ समंदर से
लेकर जगंलो तक मौजूद सभी अधिकारीयों को सूचित कर दिया गया है कि चुनाव होने तक कैश फ्लो औऱ शराब की स्पलाई पर पैनी नजर रखें.
खास बात यह है कि इस बार राज्य के चार बड़े एयरपोर्ट के अलावा छोटे शहरों मे मौजूद एयरपोर्ट पर भी आने वाले चार्टर फ्लाईट्स औऱ चौपर की मुस्तैदी से जांच होगी.