महाराष्ट्र की राजनीति में जबर्दस्त गरमाहट आ गई है. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता अजित पवार के बागी हो जाने के बाद शनिवार को एनसीपी ने अपने विधायकों का बैठक बुलाई और बड़ी कार्रवाई करते हुए अजित पवार को विधायक दल के नेता पद से हटा दिया. अजित पवार की जगह जयंत पाटिल को एनसीपी के विधायक दल का नया नेता चुना गया है.
शरद पवार के बेहद करीबी नेताओं में शुमार किए जाने वाले जयंत राजाराम पाटिल महाराष्ट्र की राजनीति में जाना-माना नाम है. वह इस्लामपुर वालवा विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं. वह पृथ्वीराज चव्हाण सरकार में ग्रामीण विकास मंत्री रहे हैं. इससे पहले वह वित्त मंत्री और गृह मंत्री भी रहे हैं.
राजनीतिक परिवार से ताल्लुक
जयंत पाटिल का ताल्लुक एक बड़े राजनीतिक परिवार से है. राजाराम बापू पाटिल 1962 से 1970 और 1978 में महाराष्ट्र में मंत्री रहे हैं. 1984 में राजाराम के अचानक निधन के बाद जयंत को वापस स्वदेश आना पड़ा.
स्वदेश आने पर जयंत ने भी राजनीति में कदम रखा. इस्लामपुर वालवा विधानसभा क्षेत्र से पहली बार विधानसभा चुनाव लड़े.
महाराष्ट्र में कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) की साझा सरकार (1999 से 2008) में वित्त मंत्री बनाए गए. यह गठबंधन सरकार पूरे 10 साल चली थी. जयंत के नाम महाराष्ट्र विधानसभा में 9 बजट पेश करने का रिकॉर्ड है.
2008 में बने गृह मंत्री
2008 में मुंबई में हुए आतंकी हमले के बाद महाराष्ट्र के तत्कालीन गृह मंत्री आरआर पाटिल ने पद से इस्तीफा दे दिया, जिस कारण जयंत पाटिल को नया गृह मंत्री बनाया गया.
2009 में कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन के सत्ता में लौटने पर जयंत पाटिल को ग्रामीण विकास मंत्री बनाया गया और उनके कार्यकाल में महाराष्ट्र ने काफी तरक्की की थी.
जयंत पाटिल ने भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ राज्यभर में हल्ला बोल आंदोलन चलाया था. वह पार्टी के साफ-सुथरे और उच्च शिक्षा प्राप्त नेताओं में गिने जाते हैं.