महाराष्ट्र में बीजेपी की सहयोगी पार्टी शिवसेना ने जेएनयू छात्रसंघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा है. शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में लिखा कि जमानत पर छूटा कन्हैया जहरीले नाग की तरह रोज दंश मार रहा है और फन हिलाकर भाजपा और उसके लोगों को डरा रहा है.
हार्दिक से की कन्हैया की तुलना
सामना के संपादकीय में पार्टी ने लिखा, 'गुजरात में पटेल आरक्षण आंदोलन चलाने वाले हार्दिक पटेल पर भी देशद्रोह का ही
मामला दाखिल किया गया है. लेकिन कई माह बीत गए, फिर भी हार्दिक को जमानत नहीं मिली. कर्नल पुरोहित, साध्वी प्रज्ञा
जैसे लोगों को भी जमानत नहीं मिली, लेकिन जेएनयू मामला इतना प्रसिद्ध होने के बावजूद देशद्रोह का अभियुक्त 10-15
दिन में जमानत पर छूटता है और बाहर आकर सरकार की खिल्ली उड़ाता है , यह क्या मामला है?
'कन्हैया की फ्री पब्लिसिटी के लिए जिम्मेदार कौन?'
शिवसेना ने कहा, 'कन्हैया ने मुफ्त प्रसिद्धि की चुनौती खड़ी की है. अनाज, पानी, दवाइयां महंगी हुई तो प्रसिद्धि मुफ्त, सिर्फ
वह दूसरों को न मिले यही विवाद का विषय दिखता है.' पार्टी ने कहा कि कन्हैया को मुफ्त प्रसिद्धि मिल रही है, ऐसा नायडू
(वेंकैया) का कहना है तो इसके लिए जिम्मेदार कौन है?
'सरकार ने श्रमिकों के पसीने पर भी कर लगाया'
शिवसेना ने ईपीएफ पर टैक्स लगाने के लिए भी मोदी सरकार को घेरा. सामना में लिखा, 'मजदूर वर्ग, श्रमिक वर्ग के मेहनत के 'प्रॉविडेंट फंड' के पैसे पर भी सरकार ने अब कर लगा दिया है. मेहनत करने वाले श्रमिकों के पसीने पर भी कर लगाकर 'मुफ्त में कुछ नहीं' यही बात सरकार ने दोहराई है.