मुंबई को गड्ढा मुक्त बनाने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने एक महत्वकांक्षी प्लान तैयार किया गया है. उस प्लान के तहत बीएमसी 6000 करोड़ रुपये खर्च कर मुंबई में 400 किलोमीटर सड़क का नवनीकरण करने जा रही है. कॉन्क्रीट की सड़क बनाने की बात हो रही है. अब इसी मुद्दे को लेकर आदित्य ठाकरे ने राज्य सरकार पर निशाना साधा है. उनकी तरफ से जोर देकर कहा गया है कि कॉन्क्रीट की सड़कें पानी को नहीं सोक सकती हैं, ऐसे में अगर मुंबई में बाढ़ आएगी तो इसके लिए कौन जिम्मेदार होगा, अगर मुंबई में जोशीमठ जैसा हुआ, कौन इसकी जिम्मेदारी लेगा.
आदित्य ने क्या चेतावनी दी?
आदित्य ठाकरे ने कहा कि कॉन्क्रीट की सड़कें बारिश के पानी को नहीं सोकती हैं. ऐसे में अगर मुंबई में बाढ़ आई तो इसके लिए कौन जिम्मेदार होगा. अगर मुंबई में जोशीमठ जैसी स्थिति हो गई तो इसके लिए कौन जिम्मेदार होगा. अब एक तरफ आदित्य ने चेतावनी दी है तो दूसरी तरफ राज्य सरकार द्वारा दिए गए टेंडर पर भी सवाल उठाए हैं. वे कहते हैं कि जिन पांच लोगों को मुंबई में सड़क बनाने का कॉन्ट्रैक्ट दिया गया है, उनका अनुभव क्या है. उन लोगों ने तो नेशनल हाइवे ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट पर काम किया है. मुंबई में सड़क बनाना एक जटिल काम है. आदित्य ठाकरे ने 6000 करोड़ रुपये जारी करने वाले ऐलान को भी गलत बता दिया है. उन्होंने कहा कि हर स्कीम के लिए बजट में पैसा रखा जाता है. लेकिन यहां 6000 करोड़ कहां से जारी किए गए हैं.
आदित्य का सरकार पर क्या आरोप?
मीडिया से बात करते हुए आदित्य ठाकरे ने इस बात का भी जिक्र किया कि समय के साथ इस योजना का खर्च और ज्यादा बढ़ चुका है. कुछ आंकड़ों का सहारा लेते हुए आदित्य ने कहा कि अब तक सड़क निर्माण का काम 66 प्रतिशत महंगा हो चुका है. पहले जहां एक किलोमीटर सड़क बनाने में 10 करोड़ लगते थे, अब वो 17 करोड़ में बन रही है.