बॉम्बे हाई कोर्ट ने शिवसेना के दिवंगत सुप्रीमो बाल ठाकरे की वसीयत के संबंध में मुद्दे तय कर दिए. हालांकि, ठाकरे के बेटे जयदेव का कहना है कि इस वसीयत पर हस्ताक्षर करते समय उनके पिता स्वस्थ मन:स्थिति में नहीं थे.
न्यायमूर्ति आरडी धानुक ने ठाकरे के बेटों उद्धव और जयदेव के वकीलों क्रमश: राजेश शाह और सीमा सरनाइक की दलीलें सुनने के बाद मुद्दे तय किये.
अब दोनों भाई अदालत द्वारा तय मुद्दों पर अपना जवाब और दस्तावेज सौंपेंगे.
उद्धव और ठाकरे परिवार के अन्य सदस्यों को वसीयत में लाभ मिला है जबकि जयदेव को इसमें कुछ नहीं दिया गया.