स्थानीय अदालत ने दिसंबर 1999 में इंडियन एयरलाइंस की उड़ान संख्या आईसी 814 के अपरहणकर्ताओं को फर्जी पासपोर्ट दिलवाने में मदद करने के आरोप में 19 लोगों को शनिवार बरी कर दिया.
मुंबई पुलिस की अपराध शाखा ने दिसंबर 1999 में उपनगरीय क्षेत्र जोगेश्वरी से अब्दुल लतीफ को गिरफ्तार किया था. पुलिस ने उसके पास से एके 56 राइफल, हथगोले और राकेट लांचर मिलने का दावा किया था. पुलिस के अनुसार उसने यह बात कबूल की कि उसने आईसी 814 के अपहरण के लिए धन जुटाने के मकसद से बैंक डकैती की और फर्जी पासपोर्ट हासिल किया. पुलिस ने इस सिलसिले में 22 अन्य लोगों को गिरफ्तार किया था. दो लोगों की सुनवाई के दौरान मौत हो गयी थी जबकि एक को पहले ही बरी कर दिया गया था.
सुनवाई के दौरान अभियोजन ने 28 गवाह पेश किये हालांकि सात अपने बयान से पीछे हट गए. बचाव पक्ष के वकील अब्दुल वहाब खाने ने दलील दी कि लतीफ पर दिल्ली की पटियाला हाउस अदालत में फर्जी पासपोर्ट का मामला चल रहा है. उसी अदालत में अपहरण का मुख्य मामला चला. लिहाजा एक ही अपराध पर दो जगह मुकदमा नहीं चल सकता.