जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) के छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने भारत में सामाजिक क्रांति की भविष्यवाणी की है. उन्होंने रविवार को कहा कि जब जाति, मत और धर्म पर विचार किए बिना भूख और अभाव का कष्ट झेल रहे लोग एकजुट हो जाएंगे, तो सामाजिक क्रांति हो जाएगी.
कन्हैया ने दो दिवसीय महाराष्ट्र दौरे के दौरान लगातार दूसरे दिन भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला जारी रखते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) मुख्य मुद्दों का समाधान किए बगैर देश को जाति और सम्प्रदाय के आधार पर बांटना चाहती है.
मोदी सरकार पर साधा निशाना
कन्हैया ने कहा, 'सबसे पहले उनकी अपनी मां थीं, उसके बाद गौ माता आ गईं और अब भारत माता हैं. वे यह तय करना चाहते हैं कि लोग क्या खाएं, कौन सा त्यौहार मनाएं और कौन से कपड़े पहनें? आपको यह अधिकार किसने दिया?' उन्होंने कहा, जनता को 'जुमले' (झूठे वादे) देना बंद करें. लोग नौकरी या बेरोजगारी भत्ता और सामाजिक सुरक्षा चाहते हैं. जैसा कि बी.आर. अंबेडकर ने सपना देखा था, देश से जाति प्रथा को पूरी तरह समाप्त करें.