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'धर्म के नाम पर अधिकार मांगना हमारी आदत रही है,' बोले केरल के गवर्नर आरिफ मोहम्मद

केरल के गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान गुरुवार को नागपुर विश्वविद्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करने पहुंचे. इस दौरान उन्होंने मुस्लिम समाज को लोगों को संविधान पढ़ने की नसहीत दी. साथ ही उन्होंने बताया कि धर्म हमें दुश्मनी करना नहीं सिखाता है. धर्म विश्वास का विषय है, पेशा नहीं.

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केरल के राज्यपाल ने धर्म को लेकर मुसलमानों से किए कई सवाल (फोटो ANI)
केरल के राज्यपाल ने धर्म को लेकर मुसलमानों से किए कई सवाल (फोटो ANI)

केरल के गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान ने गुरुवार को कहा कि अंग्रेजों के जमाने से ही यह हमारी आदत रही है कि हम धर्म के नाम पर अपना अधिकार मांगते हैं. लोगों से धर्म के नाम पर विभाजित नहीं होने की अपील की. उन्होंने कहा कि संविधान सभी नागरिकों के अधिकारों को सुनिश्चित करता है. आपको नागरिकों और भारतीयों के रूप में अधिकारों की मांग करनी चाहिए.

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एएनआई के मुताबिक उन्होंने लोगों से कहा कि संविधान पढ़ो तो आपको पता चलेगा कि अधिकार सभी नागरिकों के लिए है. धर्म के नाम पर है आजादी, अधिकार नहीं. वह नागपुर विश्वविद्यालय में 'देश की प्रगति के लिए विभिन्न धार्मिक समुदायों के बीच शांति और सद्भाव' विषय पर पद्म भूषण स्वर्गीय मौलाना अब्दुल करीम पारेख की स्मृति पर व्याख्यान दे रहे थे.

लोगों के बीच भाईचारे की सराहना की

केरल के राज्यपाल ने भारत की समृद्ध संस्कृति और विभिन्न धर्मों के लोगों के बीच भाईचारे की सराहना की. उन्होंने कहा कि धर्म के नाम पर देश का विभाजन हुआ. उन्होंने लोगों से कहा कि अभी भी इस तरह के विभाजन की कोशिश कर रहे लोगों को बताएं कि "हम सब एक हैं."  उन्होंने कहा कि शांति और सद्भाव की शिक्षा देते हुए कहा, "अगर किसी सरकारी योजना में गैस कनेक्शन बांटे जा रहे हैं, तो इसे सभी को वितरित किए जाएंगे." 

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मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने कहा कि धर्म शत्रुता पैदा नहीं करता. उन्होंने कहा कि जो आप अपने साथ होना पसंद नहीं करते हैं, उसे आपको दूसरों के साथ नहीं करना चाहिए. खान ने पूछा, 'अगर मैं बहुसंख्यक हूं तो धर्मनिरपेक्षता कुफ्र है, लेकिन अगर मैं अल्पसंख्यक हूं तो धर्मनिरपेक्षता शरीयत हो जाती है. यह कैसे हो सकता है?'

आरिफ मोहम्मद ने दिवंगत मौलाना अब्दुल करीम पारेख को याद करते हुए बताया- 'मौलाना ने एक बार मुझसे कहा था, 'मैं मौलवी नहीं हूं. मैं अपनी आजीविका लकड़ी के व्यवसाय से कमाता हूं. इससे मुझे सिखाया गया कि धर्म विश्वास का विषय है पेशा नहीं.'

'भारतीय होने पर शर्म आती है'

पिछले दिनों राज्यपाल बुलंदशहर के स्याना इलाके में थे. यहां बसी बांगर गांव में डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा के अनावरण के दौरान उन्होंने कश्मीरी पंडितों की हत्या पर बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि एक भी हत्या, किसी मासूम की हत्या, निर्दोष लोगों की हत्या से बड़ा जघन्य अपराध कोई हो ही नहीं सकता. एक भारतीय होने के नाते मुझे इन घटनाओं को लेकर शर्मिंदगी महसूस हो रही है.
 


 

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