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सत्ता पक्ष ने कहा- ये सोची-समझी साजिश, विपक्ष बोला- माहौल खराब किया जा रहा... जानें नागपुर हिंसा पर किसने-क्या कहा?

महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने नागपुर में सोमवार को भड़की हिंसा को साजिश बताया है. उन्होंने कहा कि एक प्लानिंग के तहत इस हिंसा को अंजाम दिया गया है. डिप्टी सीएम ने कहा कि जो लोग भी इस हिंसा में शामिल हैं उन्हें बख्शा नहीं जाएगा और उनपर सख्त एक्शन लिया जाएगा.

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महाराष्ट्र के नागपुर में हिंसा.
महाराष्ट्र के नागपुर में हिंसा.

नागपुर हिंसा पर सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. सत्ता पक्ष इस हिंसा को सोची समझी साजिश बता रहा है तो विपक्ष हिंसा को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है. साथ ही पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए अबतक 50 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पहचान करने के बाद इन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. 

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महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने नागपुर में सोमवार को भड़की हिंसा को साजिश बताया है. उन्होंने कहा कि एक प्लानिंग के तहत इस हिंसा को अंजाम दिया गया है. डिप्टी सीएम ने कहा कि जो लोग भी इस हिंसा में शामिल हैं उन्हें बख्शा नहीं जाएगा और उनपर सख्त एक्शन लिया जाएगा.

'हम हिंसा को सपोर्ट नहीं करते'

बीजेपी सांसद अशोक चौहान ने औरंगजेब विवाद और नागपुर सिंह पर बोलते हुए कहा, हम हिंसा को सपोर्ट नहीं करते हैं. इन चीजों से आम लोगों को परेशानी होती है. औरंगजेब की क्रूरता तो इतिहास में जगजाहिर है, लेकिन आज जो उस पर विवाद उठाया जा रहा है वह समर्थन के लायक बिल्कुल नहीं है. मैं इस तरह की घटना का बिल्कुल समर्थन नहीं करता हूं, क्योंकि इससे देश का नुकसान ही होगा. इससे लोगों को परेशानियां ही होगी.

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नागपुर हिंसा पर शिवसेना विधायक मनीषा कायंदे ने कहा, "हम नागपुर हिंसा की निंदा करते हैं. अफवाह फैलाने वालों को सलाखों के पीछे डाला जाना चाहिए और सजा मिलनी चाहिए. महाराष्ट्र में ऐसी चीज बर्दाश्त नहीं की जाएगी. जिस तरह से बड़े पैमाने पर पत्थरबाजी हुई और हिंसा भड़की, वह बिना किसी पूर्व तैयारी के नहीं हो सकती थी... राज्य सरकार को विधानसभा के दोनों सदनों में बयान देना चाहिए."

क्या बोले संजय राउत

संजय राउत का कहना है कि RSS हेडक्वार्टर नागपुर में है... नागपुर RSS का गढ़ है. मोहन भागवत वहां बैठते हैं. फडणवीस नागपुर से आते है... वहां कौन दंगे कराएगा? उनके ही लोग होंगे दंगा करवाने वाले... हिन्दुओं पर अपने ही लोगों से दंगा करवा दिया इन लोगों ने. हिन्दुओं को डराकर सिर्फ हिंसा की तरफ ले जा रहे हैं. महाराष्ट्र सरकार औरंगजेब का नाम लेकर हिन्दू लोगों को डराना चाहती है.

'माहौल खराब करने की हो रही कोशिश'

नागपुर हिंसा पर यूबीटी सेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, यह पूर्व नियोजित साजिश का हिस्सा है. नागपुर सीएम और गृह मंत्री देवेंद्र फडणवीस का गृह क्षेत्र है, उन्होंने ऐसे अक्षम मंत्री को संरक्षण दिया है. जिसने ऐसी स्थिति को भड़काया है. माहौल को खराब करने की कोशिश की जा रही है, ताकि महाराष्ट्र की अर्थव्यवस्था बर्बाद हो जाए और दूसरे राज्यों को इसका फायदा मिले.

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मिलिंद देवड़ा ने हिंसा पर बोलते हुए कहा, साल 2022 में एनडीए के सत्ता में वापस आने के बाद से महाराष्ट्र में एक भी दंगा नहीं हुआ है. सरकार गरीबों के हित में योजनाएं चला रही है, लेकिन कुछ निराश तत्व अशांति भड़का रहे हैं. मैं नागपुर के लोगों से आग्रह करता हूं कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और पुलिस का सहयोग करें. हिंसा को बढ़ावा देने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

कांग्रेस नेता ने भी साधा निशाना

कांग्रेस नेता इमरान मसूद ने नागपुर हिंसा पर बोलते हुए कहा, सरकार के संरक्षण में इस तरीके की घटना को अंजाम दिया गया... मुख्यमंत्री का गृह जनपद है. इस प्रकार का उपद्रव हुआ, इस पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. नागपुर में कभी आज तक ऐसी हिंसक घटना नहीं हुई.

शिवसेना विधायक संजय शिरसाट ने कहा, 'नागपुर में महाविकास अघाड़ी ने दंगा करवाया है, जहां औरंगजेब की कब्र है. वहां के मुसलमान भी कब्र नहीं चाहते है. मुसलमान भी नहीं चाहते कि औरंगजेब की कब्र रहे. औरंगजेब के साथ मुसलमान भी नहीं है.'

यही चाहती है बीजेपी: रामगोपाल

सपा नेता और राज्यसभा  सांसद रामगोपाल यादव ने नागपुर हिंसा पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "भाजपा जो चाहती है वही हो रहा है, कौन करवा रहा है. 

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बीजेपी विधायक शलभ मणि त्रिपाठी ने हिंसा पर औरंगजेब विवाद पर बोलते हुए कहा, औरंगजेब एक ऐसा चरित्र रहा है, जिसके लिए कोई भी भारतीय उसकी स्मृति को याद नहीं करना चाहता है. औरंगजेब कायर था...औरंगजेब की निशानी हम सभी को अखरती है. लोगों का अब मानना है कि औरंगजेब की निशानी मिटाई जाए. हम औरंगजेब की निशानी को देश में नहीं देखना चाहते हैं.

दुर्भाग्यपूर्ण है हिंसा NCP नेता

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) नेता और महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख ने नागपुर की हालिया घटना को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है. उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार में शामिल कुछ मंत्री किसानों और महिलाओं पर हो रहे अत्याचार जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाने के लिए भड़काऊ बयानबाजी कर रहे हैं. 

देशमुख ने कहा कि ऐसे बयान समाज में धार्मिक भावनाओं को भड़काने का काम करते हैं जो गंभीर चिंता का विषय है. उन्होंने मांग की कि सरकार को ऐसे मंत्रियों पर रोक लगानी चाहिए और उनके भड़काऊ बयानों पर कार्रवाई करनी चाहिए. देशमुख ने नागपुर की घटना को लेकर नागरिकों से शांति बनाए रखने की अपील भी की.

उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र की सांप्रदायिक एकता को बनाए रखना सभी की जिम्मेदारी है और किसी भी तरह की उकसाने वाली बयानबाजी को बढ़ावा नहीं दिया जाना चाहिए. उन्होंने सरकार से अपील की कि वे ऐसे संवेदनशील मामलों में सख्त कदम उठाए, ताकि राज्य में शांति और सौहार्द बना रहे.

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अबतक 50 लोग गिरफ्तार

आपको बता दें कि औरंगजेब की कब्र को लेकर विवाद के बीच पहले नागपुर के महाल इलाके में सोमवार शाम दो गुटों में हिंसक झड़प हुई. इस दौरान उपद्रवियों ने कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया. पथराव किया और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया. पत्थरबाजी से 25 से 30 पुलिसकर्मियों के घायल हो गए हैं. फिलहाल हालात नियंत्रण में हैं. पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए अब तक 50 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है.

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