भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव जिन्हें पाकिस्तानी सेना ने फ़ासी की सजा सुनाई है वो महाराष्ट्र के सतारा के रहने वाले हैं. यहां एक छोटे से गांव जावली में उनकी कुछ जमीन और एक फार्म हाउस है. कुलभूषण जाधव की सही सलामत वतन वापसी के लिए भारत सरकार ने अपनी पूरी राजनयिक संबंधो का इस्तेमाल करने में जुटी है. सरकार के साथ उनके गांव के लोगों का भी यही कहना है कि जल्द से जल्द जाधव की वतन वापसी कराई जाए.
पूर्व नेवी अफसर कुलभूषण जाधव के गांव वाले बताते है कि 10 साल पहले जाधव यहां आया-जाया करते थे. गांव के किसानों और स्थानीय निवासियों से जाधव के मुधर रिश्ते थे और वो हमेशा गांव के विकास कार्यों में अपनी दिलचस्पी दिखाते थे. साथ ही आए दिन गरीब लोगों की मदद के लिए कभी कंबल बांटते तो कभी उन्हें खाना खिलाते थे.
गांव वालों का कहना है कि यहां सभी उनकी बहुत इज्जत करते थे. साथ ही नेवी अधिकारी होने के नाते गांव में उनकी एक अलग पहचान थी और सभी उन्हें सम्मान देते थे. गांव के स्कूल के विद्यार्थियों से वो अक्सर मिला करते थे और यहां के कुछ किसान उनकी खेती में बटाई पर काम भी करते थे.
पाकिस्तान में उनकी सजा के एलान के बाद गांव के स्थानीय लोग काफी दुखी हैं और उनकी वापसी के लिए दुआएं कर रहे हैं. गांव वालों ने कहा कि जैसे भारत ने सेना के जवान चंदू चव्हाण को पाकिस्तान से सम्मान के साथ वापस लाई है उसी तरह जाधव की जल्द से जल्द वतन वापसी की जाए.
आपको बता दें कि पाकिस्तानी सेना ने कुलभूषण जाधव को जासूसी के आरोप में फांसी की सजा सुनाई है. इस बीच भारत की ओर से कूटनीतिक स्तर पर जाधव की वापसी की कोशिशें लगातार जारी हैं. भारत सरकार ये साफ कर चुकी है कि वो किसी भी स्तर तक जाकर जाधव को सकुशल वापस लाएगी.