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पुणे में बीच सड़क पर किया अंतिम संस्कार

दरअसल, जिस जगह इस लाश का अंतिम संस्कार किया गया, वहां कुछ वर्ष पहले श्मशान भूमि हुआ करती थी, लेकिन वहां आईटी पार्क बन जाने से शासन ने इस जमीन पर रास्ता बना दिया.

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चलती सड़क पर अंतिम संस्कार
चलती सड़क पर अंतिम संस्कार

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आम तौर पर मृतक व्यक्ति का अंतिम संस्कार श्मशान में किया जाता है, लेकिन पुणे के पिंपरी इलाके में शुक्रवार को इससे अलग देखने को मिला. जहां एक ओर भरी दोपहर में सड़क पर गाड़ियां दौड़ रही थी, तो वहीं दूसरी ओर सड़क के बीचोबीच एक व्यक्ति के पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार किया जा रहा था. आइए हम आपको बताते हैं कि आखिर ऐसा क्यों किया गया?

दरअसल, जिस जगह इस लाश का अंतिम संस्कार किया गया, वहां कुछ वर्ष पहले श्मशान भूमि हुआ करती थी, लेकिन वहां आईटी पार्क बन जाने से शासन ने इस जमीन पर रास्ता बना दिया. इसके बाद साल 2007 में गवारवाडी के लोगों को एक जमीन उपलब्ध कराई गई, लेकिन वहां के कुछ लोगों ने श्मशान भूमि का विरोध किया. इसके चलते यहां अभी तक श्मशान नहीं बन पाया है. यहां बीच सड़क पर जिस मृतक का अंतिम संस्कार किया गया, वह पिंपरी के हिंजेवाड़ी इलाके के गवारवाडी का रहने वाला था. 33 वर्षीय परमेश्वर गवारे की शुक्रवार को मौत हो गई थी.

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इसके अलावा दूसरा श्मशान छह किलोमीटर की दूरी पर है. श्मशान भूमि नहीं होने के कारण गवारवाडी के लोगों ने अब रास्ते पर अंतिम संस्कार करना शुरू कर दिया है. 100 घरों की बस्ती वाले गवारवाडी के बाजू में बनी सोसाइटी में 6,000 घर हैं. गवारवाडी के लोग 10 साल से लगातार इस समस्या को हल करने के लिए एमआईडीसी और स्थानीय विधायक से गुहार लगा रहे हैं. 10 वर्षों से ज़्यादा का समय बीत जाने के बाद भी अबतक कोई ठोस कदम नहीं उठाने के कारण विरोध दर्शाने को यह कदम उठाया गया है. बताया जा रहा है कि अब तक बीच रास्ते पर 40 से 50 लाशों का अंतिम संस्कार किया जा चुका है. इतना सब कुछ होने के बाद लोगों के मन में यह सवाल है कि क्या अब प्रशासन की नींद खुलेगी या नहीं?

 

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