शनि शिंगणापुर में मंदिर के चबूतरे पर पूजा करने को लेकर महिलाओं और ट्रस्ट के बीच चल रहे विवाद में अब महाराष्ट्र सरकार भी कूद पड़ी है. सरकार ने अहमदनगर जिला प्रशासन को बातचीत कराकर जल्द मामला सुलझाने के निर्देश दिए हैं.
मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस ने कहा कि जिला मजिस्ट्रेट और अहमदनगर जिले के एसपी को मंदिर ट्रस्ट और प्रदर्शन कर रही महिलाओं के बीच जल्द सुलह कराने के निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने कहा, 'भगवान की पूजा-पाठ में भेदभाव करना हमारी संस्कृति नहीं है. मामले को सुलझाने के लिए प्रशासन को उचित कदम उठाने चाहिए.'
हिरासत में ली गईं 350 महिलाएं
इसके पहले, मंदिर में पूजा करने की जिद पर अड़ी महिलाओं ने मंगलवार सुबह आंदोलन तेज कर दिया था. सैंकड़ों की संख्या में महिलाए धार्मिक स्थल के लिए रवाना हुईं लेकिन मंदिर से करीब 80 किलोमीटर पहले ही उन्हें रोक लिया गया. इससे नाराज महिलाओं और सुरक्षाबलों के बीच झड़प भी हुई जिसके बाद प्रशासन ने करीब 350 महिलाओं को हिरासत में ले लिया. हालांकि कुछ देर बाद उन्हें रिहा कर दिया गया. भूमाता रन रागिनी ब्रिगेड की करीब 25 महिलाएं अभी भी हिरासत में हैं.
Supa:Women activists who were protesting on being stopped on their way to Shani Shingnapur temple,detained by police pic.twitter.com/W2DuYUVF1Z
— ANI (@ANI_news) January 26, 2016
सूत्रों के मुताबिक, महिलाएं सड़क पर लेटकर प्रदर्शन कर रही थीं. सुरक्षाबलों से झड़प के बाद करीब 350 महिलाओं को हिरासत में ले लिया गया. बाद में भूमाता ब्रिगेड की 25 महिला कार्यकर्ताओं को छोड़कर बाकी सभी को निजी मुचलके पर रिहा कर दिया गया है. साथ ही सभी को चेतावनी भी दी गई है कि मंदिर में घुसने के लिए हो रहे प्रदर्शनों से दूर रहें.
मंदिर में शुरू हुई आरती
दिनभर चले हंगामे के बाद शाम को मंदिर में आरती शुरू हुई. मंदिर के चारों ओर सुरक्षाबलों का कड़ा पहरा है. आने-जाने वाले हर व्यक्ति पर नजर रखी जा रही है.
मंदिर के पास हिरासत में ली गई थी एक महिला
इसके पहले भूमाता रन रागिनी ब्रिगेड की एक महिला को सुरक्षाकर्मियों ने मंदिर के बाहर से हिरासत में लिया गया. यह महिला भी मंदिर की परंपरा के खिलाफ वहां पूजा करने के आंदोलन में शामिल थी. कहा जा रहा है कि वह मंदिर में घुसने की कोशिश कर रही थी तभी उसे हिरासत में ले लिया गया.
महिलाओं ने मांगी थी हेलीकॉप्टर से जाने की इजाजत
शनि मंदिर में महिलाओं का चबूतरे पर जाना परंपरा के खिलाफ माना जाता है. लेकिन 400 महिलाओं ने एकजुट होकर यह परंपरा तोड़ने की ठान ली है. महिलाओं ने हेलीकॉप्टर से मंदिर जाने की इजाजत मांगी थी क्योंकि जमीन पर बैरिकेड लगाए गए हैं.
टूटी थी 400 साल पुरानी परंपरा
किसी भी हिंसक टकराव को रोकने के लिए अहमदनगर जिले में पुलिस ने ऐहतियातन भीड़ जमा न होने देने के निर्देश दिए हैं. मुंबई से करीब तीन सौ किलोमीटर दूर शनि शिंगणापुर मंदिर में महिला श्रद्धालु के दर्शन के बाद से विवाद शुरू है. एक युवती ने 400 साल पुरानी परंपरा को तोड़ते हुए शनि की मूर्ति पर तेल चढ़ा दिया था. इसके बाद मंदिर प्रशासन ने महिला को रोकने के लिए महिला पुलिस को तैयार किया था.
ग्राम समिति ने प्रस्ताव पास किया
मंदिर में पूजा करने के महिलाओं के ऐलान के बाद शनि शिंगनापुर ग्राम समिति की बैठक हुई. बैठक में महिलाओं की इस कोशिश को पुलिस द्वारा रोके जाने का प्रस्ताव पास किया गया.
क्या कहता है मंदिर ट्रस्ट
इस पूरे विवाद पर मंदिर ट्रस्ट के सदस्यों का कहना है कि वे महिलाओं का सम्मान करते हैं. उस महिला और उसकी भावना का भी सम्मान करते हैं जिसने वहां जाकर पूजा की. लेकिन, पुरानी परंपरा के अनुसार वहां महिलाएं जाकर पूजा नहीं कर सकती और हम इसे बदल नहीं सकते.
कई जिलों से आ रही हैं महिलाएं
इसके लिए महाराष्ट्र के सभी जिलों से महिलाएं आ रही हैं. लातूर, नासिक, जालना, सातारा, सांगली जिले से महिलाएं आने वाली हैं. पहली बार शानि शिंगणापुर में दो महिलाओं को ट्रस्टी और एक महिला को अध्यक्ष बनाया गया है. ये भूमाता रन रागिनी ब्रिगेड की जीत है.