scorecardresearch
 

चाचा शरद पवार से सीखी सियासत फिर उन्हीं को दिया चकमा, जानें कौन हैं महाराष्ट्र के नए डिप्टी सीएम अजित पवार

अजित पवार ने साल 1982 में राजनीति में कदम रखा था. एक दौर ऐसा भी था जब उन्होंने अपने चाचा शरद पवार के लिए लोकसभा सीट छोड़ी थी, लेकिन 2 जुलाई को उन्होंने अपने चाचा को चकमा देकर पार्टी से बगावत की और डिप्टी सीएम पद की शपथ ली. वह पिछले 4 साल में तीसरी बार डिप्टी सीएम बने हैं.

Advertisement
X
अजित पवार ने चार साल में तीसरी बार डिप्टी सीएम पद की शपथ ली है (फाइल फोटो)
अजित पवार ने चार साल में तीसरी बार डिप्टी सीएम पद की शपथ ली है (फाइल फोटो)

महाराष्ट्र की सियासत में 2 जुलाई का दिन बड़े उलटफेर वाला रहा. NCP नेता ने पार्टी से बगावत कर डिप्टी सीएम पद की शपथ ली. उन्होंने दावा किया कि पार्टी के 40 विधायक उनके साथ हैं. अजित के इस कदम के बाद एनसीपी में भी सीटों का गणित गड़बड़ा गया है. 53 सीटों में से 40 विधायक अजित गुट तो 13 एमएलए शरद पवार गुट में रह गए हैं. सूबे की सियासत में उथल-पुथल मचाने वाले और राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले शरद पवार को चकमा देने वाले अजित पवार का कैसा रहा है पॉलिटिकल करियर? 

Advertisement

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार के भतीजे अजीत अनंतराव पवार का जन्म 22 जुलाई 1959 को अहमदनगर जिले में हुआ था. उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा देवलाली प्रवरा में पूरी की. अजित शरद पवार के बड़े भाई अनंतराव पवार के बेटे हैं. अनंतराव ने शुरुआत में मुंबई में प्रसिद्ध फिल्म निर्माता वी. शांताराम के राजकमल स्टूडियो के लिए काम किया था. वहीं अजित पवार के दादा, गोविंदराव पवार, बारामती सहकारी व्यापार में कार्यरत थे और उनकी दादी परिवार और खेत की देखभाल करती थीं. अजित पवार कॉलेज में पढ़ाई कर रहे थे, लेकिन पिता की मौत के कारण उन्होंने पढ़ाई छोड़ दी और वह अपने परिवार की देखभाल करने लगे. अजित ने केवल माध्यमिक विद्यालय स्तर तक ही पढ़ाई की है.

चाचा शरद पवार के लिए छोड़ी थी सीट

जब अजित पवार देवलाली प्रवरा में अपनी प्राथमिक शिक्षा प्राप्त कर रहे थे, तब उनके चाचा शरद पवार कांग्रेस पार्टी में एक उभरते हुए नेता थे. अजित ने साल 1982 में राजनीति में कदम रखा. उन्होंने एक सहकारी चीनी संस्था के बोर्ड के लिए चुनाव लड़ा और जीते. इसके बाद 1991 में अजित पुणे जिला सहकारी बैंक (PDC) के अध्यक्ष के रूप में चुने गए और 16 साल तक इस पद पर रहे. इस दौरान उन्होंने बारामती लोकसभा सीट से इलेक्शन लड़ा और जीत हासिल की. इसके बाद उन्होंने अपने चाचा शरद पवार के लिए अपनी लोकसभा सीट छोड़ दी थी.

Advertisement

इन पदों पर भी संभाली जिम्मेदारी

साल 1991 में अजित पवार की महाराष्ट्र विधानसभा में एंट्री हुई. वह सुधाकरराव नाइक की सरकार (जून 1991-नवंबर 1992) में कृषि और बिजली राज्य मंत्री रहे. जब शरद पवार मुख्यमंत्री के रूप में राज्य में लौटे, तो अजित मृदा संरक्षण, बिजली और योजना राज्य मंत्री (नवंबर 1992-फरवरी 1993) रहे.  अजित पवार साल 1995, 1999, 2004, 2009 और 2014 में बारामती सीट से फिर से चुने गए.  2004 में जब कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन सत्ता में लौटा, तो उन्होंने देशमुख सरकार में और बाद में अशोक चव्हाण सरकार में जल संसाधन मंत्रालय का जिम्मा संभाला.

5 बार डिप्टी सीएम, 4 साल में तीसरी बार बने उप मुख्यमंत्री

अजित पवार ने अपने पॉलिटिकल करियर में अब तक 5 बार डिप्टी सीएम पद की शपथ ली है, जबकि वह पिछले 4 साल में तीसरी बार उप मुख्यमंत्री बन चुके हैं. 2 जुलाई 2023 (रविवार) को डिप्टी सीएम पद की शपथ लेने से पहले अजित ने साल 2019 में भी इसी पद की शपथ ली थी, लेकिन बतौर डिप्टी सीएम उनका वह कार्यकाल सबसे छोटा था. क्योंकि देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली सरकार महज 80 घंटे में गिर गई थी. इसके बाद अजित उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले एमवीए गठबंधन सरकार में भी डिप्टी सीएम बने थे, लेकिन ये सरकार पिछले साल जून में एकनाथ शिंदे की बगावत के बाद गिर गई थी. लिहाजा अजित ढाई साल तक डिप्टी सीएम के पद पर रहे थे. अजित ने सबसे पहले साल 2010 में अजित ने उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. लेकिन उनका नाम 2013 में एक घोटाले से जुड़ता है, इसके बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था, लेकिन इसी साल उन्हें क्लीन चिट मिली और वह एक बार फिर से डिप्टी सीएम बने थे.

Advertisement

सीएम बनने की जताई थी इच्छा

अप्रैल 2023 में अजित पवार ने साफ शब्दों में मुख्यमंत्री बनने की चाहत दिखाई थी. उन्होंने कहा था कि वह मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं और 2024 में क्यों, अभी भी सीएम पद के दावेदार हैं. उसके साथ-साथ उन्होंने इस बात पर भी सवाल उठाए थे कि 2004 में जब एनसीपी की कांग्रेस से ज्यादा सीटें आई थीं, तब पार्टी ने उन्हें सीएम पद देने का मौका गंवा दिया था. हालांकि, सीएम पद को लेकर उनका अभी भी दावा कायम है.
 

 

Advertisement
Advertisement