महाराष्ट्र की हिंगोली लोकसभा सीट पर दूसरे चरण में मतदान शांतिपूर्वक संपन्न हो गया. 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए हिंगोली सीट से कुल 28 उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतरे हैं, जिसमें 17 निर्दलीय प्रत्याशियों ने भी अपनी किस्मत आजमाई. शिवसेना-बीजेपी गठबंधन में हिंगोली लोकसभा सीट शिवसेना के हिस्से में है. हिंगोली सीट पर शाम 5 बजे तक 60.69 फीसदी मतदान हुआ है. 2014 में इस लोकसभा सीट पर 66.11 प्रतिशत मतदान हुआ था. लोकसभा चुनाव के नतीजे 23 मई को घोषित किए जाएंगे.
UPDATES...
हिंगोली सीट पर 5 बजे तक 60.69 फीसदी मतदान
महाराष्ट्र में 5 बजे तक 57.22% मतदान

हिंगोली सीट पर 3 बजे तक 49.13% मतदान
महाराष्ट्र में दोपहर 3 बजे तक 46.63% मतदान
हिंगोली सीट पर 1 बजे तक 37.44 फीसदी मतदान
1 बजे तक का वोटिंग प्रतिशत
महाराष्ट्र में सुबह 11 बजे तक कुल 21.47 प्रतिशत मतदान
हिंगोली सीट पर सुबह 11 बजे तक 24.08 फीसदी मतदान
कांग्रेस ने चुनाव आयोग से की शिकायत
महाराष्ट्र कांग्रेस ने महाराष्ट्र के मुख्य निर्वाचन अधिकारी से EVM के धीमे काम करने की शिकायत की. महाराष्ट्र के सोलापुर, नांदेड़ और हिंगोली लोकसभा सीट के मतदान केंद्रों को लेकर कांग्रेस ने शिकायत की. कांग्रेस का कहना है कि इन इलाकों में EVM सही तरीके से काम नहीं कर रही है.
हिंगाली सीट पर सुबह 9 बजे तक 7.94% वोटिंग
9 बजे तक मतदान का प्रतिशत
चुनाव मैदान में हैं ये उम्मीदवार
2019 चुनाव के लिए हिंगोली लोकसभा सीट से शिवसेना ने हेमंत पाटिल को चुनाव मैदान में उतारा है तो वहीं कांग्रेस ने सुभाष वानखेड़े को टिकट दिया है. इसके अलावा बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) ने धनवे दत्ता को प्रत्याशी घोषित किया है जबकि इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग से अल्ताफ अहमद चुनाव मैदान में हैं. वहीं हिंगोली लोकसभा सीट से 17 निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं.
महाराष्ट्र में 48 लोकसभा सीटों पर शिवसेना और बीजेपी का गठबंधन है, जिसमें 23 सीटों पर शिवसेना जबकि 25 सीटों पर बीजेपी ने चुनाव लड़ रही है. महाराष्ट्र में 4 चरणों में मतदान होगा, जिसमें हिंगोली समेत 10 लोकसभा सीटों पर 18 अप्रैल को यानी दूसरे चरण में वोटिंग हुई. हिंगोली, अमरावती, बुलढाणा, अकोला, नादेड़, परभणी, बीड, उस्मानाबाद, लातूर, सोलापुर सीटों पर मतदान हुआ.
बता दें कि महाराष्ट्र की हिंगोली लोकसभा सीट पर लंबे समय तक किसी पार्टी का कब्ज़ा नहीं रहा है. हिंगोली सीट पर कभी कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस (एनसीपी) तो कभी शिवसेना को जीत मिली है. हिंगोली लोकसभा क्षेत्र में त्रिकोणीय मुकाबला होता आया है. दरअसल, कभी बहुजन समाज पार्टी तो कभी भारतीय रिपब्लिकन पार्टी हिंगोली लोकसभा सीट पर कांग्रेस और शिवसेना का समीकरण बिगाड़ती रही है.
2014 का चुनावी समीकरण
इस बार भी शिवसेना और कांग्रेस के बीच टक्कर मानी जा रही है. 2014 के लोकसभा चुनाव में हिंगोली सीट से कांग्रेस के टिकट पर राजीव सातव चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे थे. सातव ने शिवसेना के सुभाष वानखेड़े को हराया था. सातव को 4,67,397 वोट जबकि वानखेड़े को 4,65,765 वोट मिले थे. राजीव सातव ने 1600 वोटों के अंतर से हिंगोली लोकसभा सीट पर जीत दर्ज की थी. हिंगोली लोकसभा के अंतर्गत 6 विधानसभा सीट आती है. जिसमें उमरखेड, हिंगोली में बीजेपी का राज है जबकि किनवट में एनसीपी और हदगांव, वसमत में शिवसेना का कब्जा है. इसके अलावा कलमनुरी में कांग्रेस का राज है.
हिंगोली लोकसभा सीट पर मराठा और दलित समुदाय का दबदबा है. दोनों ही समुदाय चुनावों में निर्णायक साबित होते हैं. मराठा समुदाय को आरक्षण मिलने के बाद 2019 लोकसभा चुनाव से शिवसेना को फायदा हो सकता है.
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