महाराष्ट्र की राजनीति में लाउडस्पीकर विवाद के जरिए फिर राजनीति में सक्रिय होने का प्रयास कर रहे MNS प्रमुख राज ठाकरे अब जनता के बीच जाने की तैयारी कर रहे हैं. लाउडस्पीकर बैन को लेकर वे जनता का समर्थन चाहते हैं, उन्हें एकजुट करना चाहते हैं. पार्टी कार्यकर्ता जगह-जगह लोगों को पैम्फलेट बांट जागरूक करने का काम करने वाले हैं. राज ठाकरे को उम्मीद है कि जो काम अल्टीमेटम की वजह से नहीं बन पाया था, जनता के समर्थन से उसे जमीन पर सफल बनाया जा सकता है.
जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक राज ठाकरे इस मुद्दे को लेकर काफी गंभीर हैं. वे लोगों का समर्थन हासिल कर इसे एक जनआंदोलन का रूप देना चाहते हैं. इसी वजह से कार्यकर्ता जो पैम्फलेट बांटने भी वाले हैं, उन्हें मराठी के अलावा हिंदी और अंग्रेजी भाषा में भी छपवाया जा रहा है. पूरी कोशिश है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचा जाए और उन्हें लाउडस्पीकर विवाद को लेकर जागरूक किया जाए.
राज ठाकरे लंबे समय से मांग कर रहे हैं कि मस्जिदों से लाउडस्पीकर को हटाना चाहिए. उनकी नजरों में अजान को लाउडस्पीकर के जरिए सभी को सुनाना सही नहीं है. तर्क दिया जा रहा है कि अगर मस्जिद में लाउडस्पीकर का इस्तेमाल जारी रहेगा, तो उनकी पार्टी हनुमान चालीसा भी लाउडस्पीकर पर चलाएगी. उनके इसी हनुमान चालीसा वाले विवाद ने महाराष्ट्र की राजनीति को गरमा दिया है. अभी के लिए राज्य सरकार इस मुद्दे पर ज्यादा ध्यान नहीं दे रही है. राज ठाकरे की राजनीति में सक्रियता को लेकर भी सवाल उठाए जा रहे हैं. शिवसेना नेता संजय राउत तो यहां तक कह चुके हैं कि जिसकी पार्टी पहले ही डेड हो चुकी हो, वो दूसरों को क्या डेडलाइन देंगे.
वैसे जिस विवाद पर महाराष्ट्र में जमकर राजनीति देखने को मिल रही है, उत्तर प्रदेश में उसी मुद्दे पर समाधान पर जोर दिया गया है. वहां पर कई मंदिरों और मस्जिदों से लाउडस्पीकर स्वेच्छा हटा लिए गए हैं. उन लाउडस्पीकर्स को स्कूल-अस्पतालों को दान किया जा रहा है.