महाराष्ट्र में जब से MNS प्रमुख राज ठाकरे ने मस्जिदों में लाउडस्पीकर का मुद्दा उठाया है, राज्य की राजनीति में विवाद बढ़ता जा रहा है. अब महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के राज्य सचिव इरफान शेख ने पार्टी छोड़ दी है. वे राज ठाकरे के लाउडस्पीकर वाले बयान से नाराज बताए जा रहे हैं.
अब जानकारी के लिए बता दें कि राज ठाकरे ने कुछ दिन पहले महा विकास अघाड़ी सरकार को अल्टीमेटम देते हुए कहा था कि तीन मई से पहले तक हर मस्जिद से लाउडस्पीकर हटा लिए जाएं, वरना उनकी पार्टी के कार्यकर्ता हर मस्जिद के बाहर लाडस्पीकर पर हनुमान चालीसा चलाएंगे. अब उनके उसी बयान के बाद से राज्य की राजनीति में उबाल आ गया है. एक तरफ शिवसेना उन्हें बीजेपी की बी टीम बता रही है तो दूसरी तरफ पार्टी के ही कुछ नेता इससे असहज नजर आ रहे हैं. उसी कड़ी में इरफान शेख ने MNS छोड़ने का फैसला किया है.
वैसे राज ठाकरे जरूर इसे एक धार्मिक मुद्दा ना बताकर समाजिक मुद्दा बता रहे हैं. उनकी नजरों में लाउडस्पीकर की वजह से सभी को परेशानी होती है, लेकिन जिस अंदाज में उनकी तरफ से ये बयान आया है, विवाद कम होने के बजाय बढ़ता जा रहा है. महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार तो यहां तक कह चुके हैं कि राज ठाकरे के बयान को अहमियत देने की जरूरत नहीं है. उनके पास हर सवाल का जवाब है, वे समय आने पर सब कुछ बताएंगे.
अजित पवार के अलावा शिवसेना नेता संजय राउत ने भी इस विवाद पर तीखी प्रतिक्रिया दी थी. उनके मुताबिक सरकार को अल्टीमेटम देने की ताकत सिर्फ और सिर्फ बाला साहेब ठाकरे में हुआ करती थी. कोई और सरकार को ऐसे अल्टीमेटम नहीं दे सकता. उनके मुताबिक शिवसेना की रगों में हिंदुत्व दौड़ता है और उन्हें इस सिलसिले में किसी से सीखने की जरूरत नहीं है.
अब तमाम विरोध के बावजूद भी राज ठाकरे ना अपने बयान से पीछे हटे हैं और ना ही वे इस विवाद को खत्म करना चाहते हैं. खबर है कि वे 22 अप्रैल को हनुमान चालीसा और महाआरती का पाठ करने वाले हैं. उस कार्यक्रम को बड़े स्तर पर आयोजित किया जाएगा.