महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) चीफ राज ठाकरे ने उद्धव सरकार को लाउडस्पीकर हटवाने के लिए 4 मई तक का अल्टीमेटम दिया है. औरंगाबाद में रविवार को रैली के दौरान राज ठाकरे ने धमकी भरे अंदाज में कहा कि मस्जिदों के लाउडस्पीकर बंद होने चाहिए.
इस पर असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM से औरंगाबाद के सांसद इम्तियाज जलील का बयान आया है. इम्तियाज जलील ने कहा कि हमारे मुंह में भी जुबान है. राज ठाकरे जिस अंदाज में बोलेंगे हम भी इसका जवाब उसी अंदाज में दें सकते हैं. जलील ने कहा कि यह लॉ एंड ऑर्डर का मामला है. सरकार को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक फैसला लेना चाहिए.
सांसद इम्तियाज जलील ने कहा कि हमने राज ठाकरे को इफ्तार की दावत दी थी, ताकि भाईचारा बन सके. लेकिन राज ठाकरे ने पहले से ही सोच लिया था कि वह औरंगाबाद में सभा के दौरान भड़काऊ भाषण देंगे. इसलिए राज ठाकरे ने सभा में बढ़ती हुई महंगाई, बेरोजगारी पर एक भी बात नहीं की और सिर्फ भड़काऊ भाषण दिया.
जलील ने कहा कि राज ठाकरे ने धमकी भरे अंदाज में मीडिया के सामने कहा है कि एक बार हो जाने दो. उनकी इस बात का क्या मतलब है? इसका मतलब सभी जानते हैं. अब देखना यह है कि राज्य के गृहमंत्री डीजीपी और औरंगाबाद पुलिस कमिश्नर क्या एक्शन लेते हैं.
इम्तियाज जलील ने राज ठाकरे के सभा के लिए औरंगाबाद को चुनने पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि राज ठाकरे ने औरंगाबाद को ही क्यों चुना? इन दिनों हर राजनीतिक पार्टी यह सोच रही है कि राजनीति चमकाने के लिए देश को जलाना होगा.
सांसद ने कहा कि राज ठाकरे का वर्चस्व कम हो रहा है. आपकी सभा में लोग आएंगे और सुनकर चले जाएंगे. लेकिन आज की युवा पीढ़ी बहुत ज्यादा होशियार हो चुकी है. युवा अब जान चुके हैं कि नौकरी, कारोबार और अपने परिवार को किस तरह से अछा रखना है. यहां पिछले 70 सालों से सभी जाति मजहब के लोग साथ रह रहे हैं.
बता दें कि अपनी सभा के दौरान राज ठाकरे ने शिवाजी महाराज का जिक्र किया था. इस पर इम्तियाज जलील ने कहा कि आजकल राज नेता महापुरुषों के नाम का इस्तेमाल करके अपनी राजनीति चमकाते हैं, राज ठाकरे जैसे लोगों को छत्रपति शिवाजी महाराज के बारे में कुछ भी जानकारी नहीं है.
जलील ने कहा कि वे उन्हें शिवाजी महाराज के बारे में लिखी किताब देंगे, ताकि वह शिवाजी महाराज के विचारों को समझ सकें. AIMIM सांसद ने कहा कि ये लोग छत्रपति शिवाजी महाराज के पैरों की धूल भी नहीं हैं.