महाराष्ट्र में किसान आंदोलन ने जोर पकड़ लिया है. नासिक से निकले आक्रोशित किसान मुंबई की तरफ मार्च कर रहे हैं. करीब 30 हजार किसानों का जत्था शुक्रवार को महाराष्ट्र के ठाणे पहुंचा.
किसान 12 मार्च को विधानसभा का घेराव करेंगे. बता दें कि ऑल इंडिया किसान सभा (एआईकेएस) के बैनर तले किसान आंदोलन कर रहे हैं. बताया जा रहा है कि यह पहली बार है जब किसान अपने परिवार के साथ सड़कों पर उतरे हैं.
हर शहर से इस आंदोलन में किसान जुड़ते जा रहे हैं. लेकिन अभी तक महाराष्ट्र सरकार ने इनकी किसी भी मांग पर विचार नहीं किया है. किसानों ने चेतावनी दी है कि अगर इनकी मांग पूरी नहीं की गई तो ये विधानसभा का अनिश्चितकालीन घेराव करेंगे.
रोज़ाना ये किसान तीस से पैंतीस किलोमीटर की दूरी पैदल तय करते हैं. करीब सत्तर किलोमीटर का सफर तय पूरा करने के बाद इन्हें कल की रात शाहपुर इलाके में गुजारी.
#Maharashtra: All India Kisan Sabha protest reaches Vasind. Over 30,000 farmers from across the state are heading towards Mumbai from Nashik demanding a complete loan waiver for the farmers of the state. pic.twitter.com/mUsAHTMta0
— ANI (@ANI) March 9, 2018
बता दें कि महाराष्ट्र लंबे समय से किसानों की समस्या से जूझ रहा है. अब तक हज़ारों किसान खुदकुशी कर चुके हैं. शिवसेना और भाजपा में भी तकरार का ये बड़ा मुद्दा है. शिवसेना इस पर नाराजगी भी जता चुकी है.
चुनाव के पहले किसानों का दबाव...
अगले साल लोकसभा चुनाव होने हैं. इसके अलावा महाराष्ट्र में भी विधानसभा होंगे. ऐसे में किसानों को लगता है कि सरकार पर दबाव डालने का ये सही वक्त है.
क्या मांगे हैं किसानों की...
- किसानों की सबसे बड़ी मांग है कर्जमाफी. बैंकों से लिया कर्ज किसानों के लिए बोझ बन चुका है. मौसम के बदलने से हर साल फसलें तबाह हो रही है. ऐसे में किसान चाहते हैं कि उन्हें कर्ज से मुक्ति मिले.
- संगठनों का तर्क है कि महाराष्ट्र के अधिकतर किसान फसल बर्बाद होने के कारण बिजली बिल नहीं चुका पाते हैं. इसलिए उन्हें बिजली बिल में छूट दी जाए.
- फसलों के वाजिब दाम की मांग किसान लंबे समय से कर रहे हैं. सरकार ने हाल के बजट में भी किसानों को एमएसपी का तोहफा दिया था, लेकिन कुछ संगठनों का मानना था कि केंद्र सरकार की एमएसपी की योजना महज दिखावा है.
- स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशें भी लागू करने की मांग किसान कर रहे हैं.