रोहन 12 साल का था. हर बच्चे की तरह उसमें भी उसके माता-पिता की जान बसती थी. 17 अप्रैल को जब रोहन खेलने गया तो वापस नहीं आया. गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखवाने गए पिता को पता चला कि उसका अपहरण हो गया है. इसके बाद पहले रोहन के दोनों पैर मिले और अब उसका कटा हुआ धड़. माता-पिता स्तब्ध तो पुलिस मौन. कल्याण इलाके की यह घटना न सिर्फ अपराधियों की दरिंदगी बल्कि पुलिस के हाथ पर हाथ धरे बैठे रहने की बानगी है.
मृतक रोहन अपने माता-पिता का एकलौता बेटा था. रोहन के गायब होने पर जब बहुत ढूंढने पर भी वह नहीं मिला तो उसके पिता उत्तम भाई गुच्चैत पुलिस में शिकायत दर्ज करने गए. अब जरा महाराष्ट्र पुलिस सेवा के अतिथि सत्कार को जानिए. इलाके के बजार पेठ पुलिस ने पूरे मामले को न सिर्फ लापरवाही से लिया बल्कि उत्तम भाई के फोन पर 50 लाख रुपये फिरौती की मांग होने पर भी कोई सुध नहीं ली. इतना ही नहीं उत्तम भाई का आरोप है कि पुलिस निरीक्षक तायडे ने उन्हें धमकाया और उनके साथ अभद्र व्यवहार किया.
फिलहाल पुलिस ने मामले में चार अपहरणकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया है और मामले की जांच कर रही है. लेकिन परिजन चाहते हैं कि अपहरणकर्ताओं के साथ ही दोषी पुलिसकर्मियों पर भी कार्रवाई हो.
नाले में मिला शव, लेकिन पुलिस को खबर नहीं
रोहन के पिता और स्थानीय लोगों ने बताया कि अपहरण की पुष्टि और फिरौती की मांग पर भी पुलिस ने तत्काल कोई कार्रवाई नहीं की. इसी बीच कल्याण के एपीएमसी मार्केट के पास दो कटे हुए पैर मिले. धड़ नहीं मिलने के कारण पहचान कर पाना मुश्किल था. लेकिन खास बात यह कि पुलिस को पैर मिलने की खबर भी नहीं लगी.
रविवार की सुबह उसी एपीएमसी मार्केट के पास इस बार रोहन का कटा हुआ धड़ एक नाले में बरामद हुआ. पुलिस को जब स्थानीय लोगों ने खबर की तो पुलिस ने आनन-फानन में शव को बरामद कर लिया और फिर कार्रवाई करते हुए नेनिलेश साबले, गणेश पाटील, इशाक सय्यद शेख और इम्तियाज अब्दुल सत्तार को गिरफ्तार कर लिया है.
रोहन के पड़ोसी दिनेश देशमुख कहते हैं, 'लाश मिलने के बाद भी पुलिस निरीक्षक तायडे ने रोहन के परिजनों को धमकाया. तायडे पहले भी अपनी ऐसी करतूतों से बदनाम है.'
दूसरी ओर, पूछताछ में हत्यारों ने पुलिस को बताया कि वे रोहन को बहला-फुसलाकर कल्याण पश्चिम के सर्वोदय में ले गए थे. उन्होंने कबूल किया जब फिरौती नहीं मिली तो उन्होंने रोहन की हत्या कर दी और उसके टुकड़े-टुकड़े कर फेंकते रहे.