पाकिस्तान से लौट कर भारत लाई गई गीता को उसकी असली मां मिल गई है. ऐसा दावा किया जा रहा है कि महाराष्ट्र के एक गांव में गीता को उसका परिवार मिला है. महाराष्ट्र की मीना वाघमारे का दावा है कि वो गीता की असली मां हैं. लेकिन अब जो ट्रस्ट गीता की देखभाल कर रहा था, वह इसकी पुष्टि के लिए डीएनए का टेस्ट कराएगा. ताकि सच का पता लग सके.
बता दें कि मीना वाघमारे और गीता के चेहरे, हाव-भाव में काफी समानताएं हैं, ऐसे में कोई इस बात से नकारने से पहले काफी कुछ सोच रहा है. लेकिन हर तरह की पुष्टि के लिए डीएनए टेस्ट कराया जा रहा है. मीना वाघमारे महाराष्ट्र के जिंतूर शहर में रहती हैं.
इंडिया टुडे से बात करते हुए मीना ने बताया कि साल 1999-2000 में गीता खो गई थी, तब वह कोई आधिकारिक शिकायत दर्ज नहीं करा पाई थीं. क्योंकि गीता पहले भी ऐसे कहीं चली गई थी, लेकिन बाद में वो मिल जाती थी. लेकिन, 1999 में जब गीता लापता हुई उसके बाद से कभी मिली ही नहीं. अब जनवरी, 2021 में मीना को गीता के बारे में पता लगा, जो कि परभानी शहर में पहल फाउंडेशन के साथ रुकी थी.
पहल फाउंडेशन के डॉ. अशोक के मुताबिक, गीता के परिवार की पहचान हो गई है लेकिन सबकुछ कन्फर्म करने के लिए डीएनए टेस्ट कराया जाएगा. डॉ. अशोक के मुताबिक, गीता ने साइन लैंगुएज के जरिए बताया कि 1999 में वह समझौता एक्सप्रेस में सवार होकर पाकिस्तान में चली गई थी. तब गीता की उम्र करीब 9 साल ही थी.
गीता को वहां कराची में बिलकिस ईधी की संस्था ने शरण दी और करीब 15 साल तक उसका ध्यान रखा. साल 2015 में तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की कोशिशों से गीता को भारत वापस लाया गया था. तब कुछ वक्त के लिए गीता को इंदौर की एक संस्था में ठहराया गया था. अब जब गीता को उसका परिवार मिला है, तो उसकी उम्र 29 साल है.