महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के एक गांव में हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जहां बकरी और कबूतर चुराने के शक में छह लोगों ने चार दलित युवकों को कथित तौर पर एक पेड़ से उल्टा लटकाकर लाठी-डंडों से पीटा. घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. वहीं पीड़ितों की शिकायत पर पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है.
न्यूज एजेंसी के मुताबिक अहमदनगर पुलिस के एक अधिकारी बताया कि घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया, जिसके बाद पुलिस ने शनिवार को इस सिलसिले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है, जबकि पांच अन्य फरार हैं. उधर, घटना के विरोध में रविवार को श्रीरामपुर तालुका के हरेगांव गांव में बंद रखा गया. विपक्षी कांग्रेस ने इस घटना को मानवता पर एक 'धब्बा' और भाजपा द्वारा फैलाई जा रही 'नफरत' का नतीजा करार दिया है.
पुलिस अधिकारी ने बताया कि 25 अगस्त को गांव के छह लोगों का एक समूह कथित तौर पर चार दलित पुरुषों के घर गया, जिनकी उम्र 20 वर्ष के आसपास थी और उन्हें अपने साथ चलने के लिए मजबूर किया. फिर बकरी और कुछ कबूतर चुराने के शक में उन्हें एक पेड़ से उल्टा लटका दिया गया और लाठियों से पीटा गया.
पुलिस के मुताबिक आरोपियों की पहचान युवराज गलांडे, मनोज बोडाके, पप्पू पारखे, दीपक गायकवाड़, दुर्गेश वैद्य और राजू बोरेज के रूप में की गई है. आरोपियों में से एक ने कथित तौर पर हमले का वीडियो शूट किया, जो बाद में सोशल मीडिया पर सामने आया.
आरोपियों के खिलाफ गंभीर धाराओं में केस दर्ज
घायल लोगों को बाद में नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, पीड़ितों में से एक, शुभम मगाडे ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. इसके आधार पर आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 307 (हत्या का प्रयास), 364 (अपहरण) और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है.
विपक्ष ने बीजेपी पर साधा निशाना
महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि यह घटना मानवता पर कलंक है और मांग की कि सभी आरोपियों को तुरंत गिरफ्तार किया जाए और कड़ी सजा दी जाए. उन्होंने आरोप लगाया कि ऐसी घटनाएं भाजपा द्वारा अपने राजनीतिक लाभ के लिए फैलाई जा रही नफरत का नतीजा हैं. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के मुख्य प्रवक्ता महेश तापसे ने सरकार पर दलितों के आत्मसम्मान की रक्षा करने में विफल रहने का आरोप लगाया.