महाराष्ट्र में अहमदनगर सिविल अस्पताल में शनिवार सुबह लगी आग को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है. दरअसल, अहमदनगर अग्निशमन दल के प्रमुख ने बताया कि फायर ऑडिट में बताई गई खामियों को सिविल अस्पताल ने पूरा नहीं किया, जिस वजह से यह हादसा हुआ.
अहमदनगर अग्निशमन दल के प्रमुख शंकर मिसाल ने आजतक को बताया कि अस्पताल में अग्निशमन संबंधी ऑडिट तो किया गया था, लेकिन धन की कमी की वजह से वहां सभी जरूरी उपकरण नहीं थे. इससे साफ पता लगता है कि यहां पूरी तरह से लापरवाही बरती गई है. जिसके बाद से अस्पताल प्रशासन पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं.
बता दें, महाराष्ट्र के अहमदनगर के सिविल अस्पताल में शनिवार को आग लग गई थी. इस हादसे में 11 लोगों की मौत हो गई. जबकि 6 मरीज झुलस गए हैं. घायल मरीजों का इलाज किया जा रहा है. जानकारी के मुताबिक, जिस वार्ड में आग लगी थी वह कोविड वार्ड था. घटना सुबह 10:30 बजे के करीब घटी और लगभग 11:30 बजे आग पर काबू पाया गया.
अहमदनगर के कलेक्टर राजेंद्र भोसले ने घटना की पुष्टि की. और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मामले की जांच के आदेश दिए. वहीं, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी घटना पर दुख व्यक्त किया.
खिड़कियों के कांच तोड़कर आग बुझाने की कोशिश
वहीं, दमकल विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि अफरा-तफरी, लोगों की चीख-पुकार और दहशत के माहौल में अग्निशमन विभाग के जवानों ने खिड़कियों के कांच तोड़कर आग बुझाने की कोशिश की. पूर्वाह्न करीब 11 बजे आग लगने के बाद मौके पर सबसे पहले पहुंचने वाले उक्त अधिकारी के अनुसार आईसीयू में कोरोना वायरस के करीब 20 रोगियों का इलाज चल रहा था.
उन्होंने बताया कि वेंटिलेटर या ऑक्सीजन पर 15 रोगी थे. अधिकारी ने कहा, ‘‘उन्हें बचाना प्राथमिकता थी, लेकिन उनकी जटिल हालत की वजह से ऑक्सीजन सपोर्ट हटाना और बाहर निकालना मुश्किल फैसला था.’’
सूचना मिलते ही तुरंत पहुंची दमकल विभाग की गाड़ियां
अहमदनगर नगर निगम के मुख्य अग्निशमन अधिकारी शंकर मीसल ने कहा कि आग की सूचना मिलने पर उन्होंने फौरन दो दमकल वाहनों को मौके पर भेजा. उन्होंने कहा, ‘आग ज्यादा भयावह नहीं थी लेकिन हर तरफ धुआं था. घटना में जिन रोगियों की मृत्यु हुई, संभवत: आईसीयू के अंदर धुएं और गर्मी से उनका दम घुट गया.’