महाराष्ट्र की सियासत में एक बार फिर से उबाल आ गया है. उद्धव गुट के नेता के दावे के बाद ये अटकलें तेज हो गई हैं कि एनसीपी नेता अजित पवार बीजेपी में शामिल हो सकते हैं. इसी बीच ये खबर भी सामने आई कि उन्होंने विधायकों की एक बैठक बुलाई है. उधर, NCP सुप्रीमो शरद पवार और सांसद सुप्रिया सुले की पुणे में एक रैली थी. इसमें भी अजित पवार शामिल नहीं हुए. इसके बाद उनके बीजेपी में जाने की अटकलों को बल मिल गया. हालांकि उन्होंने ये साफ कर दिया है कि वह रैली में शामिल क्यों नहीं हुए. उधर सुप्रिया सुले ने भी कहा है कि अजित नाराज नहीं हैं.
अजीत पवार ने एक ट्वीट में कहा कि मैं खारघर (नवी मुंबई) में आयोजित 'महाराष्ट्र भूषण' पुरस्कार समारोह में लू लगने से जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों और बीमार लोगों से मुलाकात करने के लिए सोमवार की सुबह तक MGM अस्पताल में मौजूद था. मेरा 17 अप्रैल का कोई भी निर्धारित कार्यक्रम नहीं था. मैं मुंबई में हूं. उन्होंने स्पष्ट किया कि 18 अप्रैल (आज) वह विधान भवन स्थित अपने कार्यालय में उपस्थित रहेंगे. साथ ही कार्यालय का नियमित कार्य चालू रहेगा. अजित पवार ने यह भी कहा कि यह खबर कि मैंने मंगलवार को विधायकों की बैठक बुलाई है, ये खबर मीडिया में प्रकाशित की जा रही है, लेकिन यह पूरी तरह से गलत है. मैंने विधायकों या पदाधिकारियों की कोई बैठक नहीं बुलाई है.
इस बीच सांसद सुप्रिया सुले ने मीडिया से कहा कि अजित पवार नाराज नहीं हैं. उन्होंने कहा कि छत्रपति संभाजी नगर में महा विकास अघाड़ी (MVA) की बैठक में जयंत पाटिल का भाषण नहीं हुआ. इसका मतलब ये नहीं है कि वह नाराज हैं. सुप्रिया ने कहा कि यह पहले से ही तय था कि एमवीए की हर रैली में केवल दो लोग ही बोलेंगे. ठीक इसी तरह से ये सब अफवाहें हैं कि अजित पवार नाराज हैं. सुले ने कहा कि केवल उन्हीं पेड़ों पर पत्थर मारे जाते हैं जिनमें अधिक फल लगते हैं.
1- अजित पवार के समर्थक और नासिक में सिन्नर से राकांपा विधायक माणिकराव कोकाटे ने कहा कि बीजेपी को 2024 के लोकसभा चुनावों में सत्ता हासिल करने के लिए महाराष्ट्र में NCP की जरूरत है. उन्होंने राज्य में एकनाथ शिंदे समीकरण आजमाए हैं, लेकिन इसका कोई फायदा होता नहीं दिख रहा है. तमाम सर्वे, रिपोर्ट और फीडबैक उनके खिलाफ जा रहे हैं. हालांकि हमारी पार्टी ने हमें अभी तक सूचित नहीं किया है, इसलिए यह कहना सही नहीं होगा कि इस तरह का कोई राजनीतिक घटनाक्रम चल रहा है या नहीं. हम पार्टी के विधायक हैं और पार्टी जो फैसला करेगी, उसे हम स्वीकार करते हैं. राज्य में इस समय अस्थिरता के हालात हैं. फिलहाल बीजेपी के पास एक ही विकल्प है कि वह एनसीपी को अपने साथ ले. कोकाटे ने कहा कि हम अजित पवार और पार्टी द्वारा लिए गए फैसले का समर्थन करेंगे.
2- मावल से एनसीपी विधायक सुनील शेलके ने कहा कि शरद पवार और अजित पवार एक पार्टी के रूप में जो भी निर्णय लेंगे, वह उसे स्वीकार करेंगे. हालांकि अजित पवार के जल्द बीजेपी में शामिल होने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि ये सब अफवाहें हैं.
3- निफाड से विधायक दिलीपका बांकर ने कहा कि उनके पास अजित पवार का मुंबई आने का कोई संदेश नहीं है. शरद पवार कुछ दिन पहले नासिक में थे, उससे पहले अजित पवार नासिक में थे, लेकिन पार्टी स्तर पर ऐसी कोई चर्चा नहीं है. दरअसल, हमारा पूरा फोकस आगामी मार्केट कमेटी चुनाव पर है.
4- कलवन विधानसभा क्षेत्र से एनसीपी विधायक नितिन पवार से अजित पवार के बीजेपी में शामिल होने के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि अभी तक ऐसी कोई खबर नहीं है, लेकिन हम शरद पवार, अजीत दादा और जयंत पाटिल के सुझावों पर कायम रहेंगे. उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि नासिक के तीन विधायक, कोकाटे, दिलीप काका और मैं, उस आदेश का पालन करेंगे, जो पार्टी की ओर से दिया जाएगा. 2019 में नासिक से माणिकराव कोकाटे, नितिन पवार, दिलीप बांकर और नरहरि जिरवाल देवेंद्र फडणवीस और अजीत पवार के सुबह के वक्त हुए शपथ ग्रहण के दौरान उपस्थित थे.
एनसीपी चीफ शरद पवार ने हाल ही में कांग्रेस के अडानी मामले में JPC की मांग को खारिज कर दिया था. इसके बाद उनके भतीजे अजित पवार ने पीएम मोदी के करिश्मे की तारीफ कर दी थी. इतना ही नहीं, उन्होंने EVM पर भी भरोसा जताया था. उन्होंने कहा था, मुझे ईवीएम पर पूरा भरोसा है. कोई एक व्यक्ति ईवीएम में हेरफेर नहीं कर सकता है, यह एक बड़ी प्रणाली है. हारने वाली पार्टी ईवीएम को दोष देती है, लेकिन यह लोगों का जनादेश है. उन्होंने कहा था कि जिस पार्टी के केवल दो सांसद थे, उसने पीएम मोदी के नेतृत्व में साल 2014 में जनादेश से सरकार बनाई और देश के दूर-दराज वाले इलाकों में पहुंच गई तो क्या ये मोदी का करिश्मा नहीं है?
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