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महाराष्ट्र विधानसभा उपचुनाव: चिंचवाड़ में रिकॉर्ड 50.47% और कसबा में 50.06 % वोटिंग, 2 मार्च को आएंगे नतीजे

पुणे जिले की कसबा पेठ और चिंचवाड़ विधानसभा सीट बीजेपी के कब्जे में थीं. बीजेपी विधायक मुक्ता तिलक और लक्ष्मण जगताप के निधन के कारण उपचुनाव हुए हैं. पुणे शहर की कसबा सीट पर भाजपा के हेमंत रसाने और कांग्रेस के रवींद्र धंगेकर के बीच मुकाबला है. कांग्रेस को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) का समर्थन प्राप्त है.

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पुणे के नूतन मराठी विद्यालय में वोट डालने पहुंचे मतदाता. (फोटो- ANI)
पुणे के नूतन मराठी विद्यालय में वोट डालने पहुंचे मतदाता. (फोटो- ANI)

महाराष्ट्र के पुणे जिले में चिंचवाड़ और कसबा पेठ विधानसभा सीट पर उपचुनाव में रविवार को मतदान हो गया है. चिंचवाड़ में 50.47 प्रतिशत और कसबा पेठ में 50.06 प्रतिशत वोटिंग हुई है. यहां सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे के बीच मतदान हुआ और उम्मीदवारों की किस्मत इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में कैद हो गई. अब मतगणना दो मार्च को होगी. बीजेपी और महा विकास अघाड़ी अपने-अपने प्रत्याशियों की जीत को लेकर आश्वस्त देखे जा रहे हैं. 

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न्यूज एजेंसी के मुताबिक, कसबा सीट पर कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर मतदाताओं को लुभाने के लिए धन बल का उपयोग करने का आरोप लगाया. जबकि बीजेपी ने आरोपों को सिरे से नकार दिया है. पार्टी ने कहा- चूंकि महा विकास अघाड़ी (एमवीए) हार की ओर देख रही है, इसलिए वह झूठे आरोप लगा रही है. एक जिला चुनाव अधिकारी ने कहा- चिंचवाड़ निर्वाचन क्षेत्र में 50.47 प्रतिशत मतदान हुआ, जबकि कसबा में 50.06 प्रतिशत वोटिंग हुई.

बीजेपी विधायकों के निधन से खाली हुई थीं दोनों सीटें

कसबा पेठ और चिंचवाड़ निर्वाचन सीट पर बीजेपी का कब्जा था. बीजेपी विधायक मुक्ता तिलक और लक्ष्मण जगताप के निधन के कारण उपचुनाव हुए हैं. पुणे शहर की कसबा सीट पर भाजपा के हेमंत रसाने और कांग्रेस के रवींद्र धंगेकर के बीच मुकाबला है. कांग्रेस को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) का समर्थन प्राप्त है.

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इसके अलावा, पुणे शहर के पास औद्योगिक शहर चिंचवाड़ में भाजपा के अश्विनी जगताप और राकांपा के नाना काटे के बीच मुकाबला है. यहां शिवसेना (यूबीटी) के बागी राहुल कलाटे भी मैदान में हैं, जिससे यह त्रिकोणीय मुकाबला बन गया है. राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, इन उपचुनावों के परिणाम राज्य में आगामी चुनावों के लिए टोन सेट करेगा, जिसमें बृहन्मुंबई नगर निगम और अन्य निकाय शामिल हैं.

कांग्रेस बोली- 10 हजार वोटों से चुनाव जीतेंगे

कांग्रेस नेता मोहन जोशी ने कहा- कुल मतदान प्रतिशत को देखते हुए धंगेकर कसबा उपचुनाव 8,000 से 10,000 मतों से जीतेंगे. उन्होंने आरोप लगाया कि इस उपचुनाव में भाजपा ने पूरी सरकारी मशीनरी, धनबल और बाहुबल का इस्तेमाल किया. जोशी ने कहा- इन सबके बावजूद धंगेकर सीट जीतेंगे क्योंकि निर्वाचन क्षेत्र के लोग एमवीए उम्मीदवार के साथ हैं.

वहीं, भाजपा प्रवक्ता केशव उपाध्याय ने कहा कि चूंकि एमवीए को हार का सामना करना पड़ रहा है, इसलिए यह ओछे आरोप लगा रहा है. उन्होंने कहा कि दोनों निर्वाचन क्षेत्रों में दर्ज मतदान प्रतिशत को देखते हुए भाजपा उम्मीदवार कसबा और चिंचवाड़ उपचुनाव जीतेंगे.

अस्वस्थ्य चल रहे लोकसभा सदस्य गिरीश बापट ने कसबा पेठ में वोट डाला. वह मताधिकार का प्रयोग करने के लिए एक कार में अहिल्याबाई हाईस्कूल के मतदान केंद्र पर आए. इसके बाद उन्हें व्हील चेयर पर पोलिंग बूथ के अंदर ले जाया गया. 2019 में लोकसभा चुनाव जीतने से पहले बापट ने पांच बार पुणे के मध्य में स्थित इस विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया है.

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पैसे बांटने की शिकायत पर एक्शन

इस बीच, समर्थ पुलिस स्टेशन में भाजपा के पूर्व नगरसेवक गणेश बिडकर और तीन अन्य के खिलाफ धारा 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना) और 504 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान) के तहत केस दर्ज किया गया है. समर्थ पुलिस थाने के एक पुलिस अधिकारी ने कहा- एक शिकायतकर्ता को संदेह था कि पुणे स्टेशन के पास एक इमारत में (मतदाताओं को) पैसे बांटे जा रहे हैं. जब वह वहां गया तो कहा-सुनी हो गई. उन्होंने कहा कि शिकायतकर्ता फैयाज शेख ने आरोप लगाया कि वहां चार लोगों ने उन पर हमला किया.

पिंपरी चिंचवाड़ के पुलिस उपायुक्त काकासाहेब डोले ने कहा कि चिंचवाड़ में एक मतदान केंद्र के बाहर शिवसेना (यूबीटी) के बागी उम्मीदवार राहुल कलाटे और भाजपा के समर्थकों के बीच मामूली झड़प हुई और स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए पुलिस ने हस्तक्षेप किया.

चिंचवाड़ में 510 मतदान केंद्र और 5,68,954 पंजीकृत मतदाता और कसबा निर्वाचन क्षेत्र में 215 मतदान केंद्र और 2,75,428 पंजीकृत मतदाता थे. पिछले साल जून में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली एमवीए सरकार के गिरने के बाद एकनाथ शिंदे की शिवसेना और भाजपा के सत्ता में आने के साथ चिंचवाड़ और कसबा सीटों पर उपचुनाव दोनों पक्षों के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन गए हैं.

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