scorecardresearch
 

पुणे पोर्श मामले से जुड़े सुनील टिंगरे वडगांव शेरी सीट से हारे, NCP अजित गुट के थे उम्मीदवार

खबरों के मुताबिक, सुनील टिंगरे पुणे के एक पुलिस स्टेशन पहुंचे थे जहां घटना के बाद नाबालिग और ड्राइवर को ले जाया गया था. उन पर नाबालिग को बचाने का आरोप लगाया गया. एनसीपी नेता ने ऐसे आरोपों का खंडन किया था और मामले के संबंध में पुलिस ने उनसे पूछताछ की थी.

Advertisement
X
सुनील टिंगरे, वडगांव शेरी के पूर्व विधायक (फाइल फोटो)
सुनील टिंगरे, वडगांव शेरी के पूर्व विधायक (फाइल फोटो)

पुणे पोर्श केस से जुड़े महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजीत पवार के नेतृत्व वाली राकांपा के नेता सुनील टिंगरे वडगांव शेरी से एनसीपी (शरद पवार) उम्मीदवार बापू साहेब पठारे से 4,710 मतों के अंतर से हार गए हैं. टिंगरे, इस सीट से मौजूदा विधायक थे और पोर्श दुर्घटना में उनका भी नाम सामने आया था. हादसा इसी साल की शुरुआत में हुआ था जब 17 वर्षीय नाबालिग ने पोर्श कार चलाते हुए दो आईटी पेशेवरों, अनीश अवधिया और अश्विनी कोष्टा (24) को टक्कर मार दी थी. वे दोनों अपनी बाइक से जा रहे थे.

Advertisement

2019 में भाजपा के खिलाफ दर्ज की थी जीत
खबरों के मुताबिक, सुनील टिंगरे पुणे के एक पुलिस स्टेशन पहुंचे थे जहां घटना के बाद नाबालिग और ड्राइवर को ले जाया गया था. उन पर नाबालिग को बचाने का आरोप लगाया गया. एनसीपी नेता ने ऐसे आरोपों का खंडन किया था और मामले के संबंध में पुलिस ने उनसे पूछताछ की थी. 2019 के विधानसभा चुनावों में, टिंगरे ने भाजपा उम्मीदवार जगदीश मलिक को 4,975 मतों के अंतर से हराकर सीट से जीत हासिल की थी.

महायुति ने पार किया है बहुमत का आंकड़ा
एनसीपी महायुति गठबंधन का हिस्सा है जो महाराष्ट्र में 145 बहुमत के आंकड़े को आसानी से पार कर सत्ता में आई है. भाजपा ने 132 सीटें जीतीं, जबकि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना को 57 सीटें मिलीं. एनसीपी 41 सीटों पर सिमट गई. दूसरी ओर, महा विकास अघाड़ी (एमवीए), जिसे लोकसभा चुनाव में अपने प्रभावशाली प्रदर्शन का फायदा उठाने की उम्मीद थी, शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा. शिवसेना (यूबीटी) को सिर्फ 20 सीटें मिलीं, उसके बाद कांग्रेस को 16 और शरद पवार की एनसीपी को 10 सीटें मिलीं.

Live TV

Advertisement
Advertisement